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NEET Success Story: इधर जैसे-तैसे घर का खर्च चलाते हैं मां-बाप, उधर बेटी ने NEET में गाड़ दिए झंडे, डॉक्टर बन करेगी सपने पूरे

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसे हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा देश के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया जाता है.

NEET Success Story: इधर जैसे-तैसे घर का खर्च चलाते हैं मां-बाप, उधर बेटी ने NEET में गाड़ दिए झंडे, डॉक्टर बन करेगी सपने पूरे
Deepa Mishra|Updated: Jun 28, 2025, 10:16 PM IST
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Shweta Pal NEET Success Story: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसे हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा देश के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया जाता है. एनटीए नीट की परीक्षा देश के विभिन्न मेडिकल और डेंटल, प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में योग्य उम्मीदवार के समान रूप से प्रवेश के लिए आयोजित करती है. नीट क्रैक करना बड़ी उपलब्धि और गर्व की बात है, राह मुश्किल तब हो जाती है. जब छात्र के पास बुनियादी संसाधनों की कमी होती है. ऐसे में चलिए हम आपको एक ऐसे नीट छात्र के बारे में बताते हैं, जिन्होंने गरीबी को मात देते हुए सफलता हासिल की और परिवार का नाम रोशन किया. 

श्वेता पाल
हम बात कर रहे हैं श्वेता पाल की, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के झलवा क्षेत्र के एक छोटे से गांव पीपल की रहने वाली हैं. उनके पिता हीरालाल पाल गाड़ियों का सीट कवर बनाने का काम करते हैं और मां कुसुम देवी घर में सिलाई का काम करती हैं. श्वेता के माता-पिता इसी से अपने बच्चों का भरण-पोषण करते हैं. श्वेता की दो छोटी बहनें भी हैं. एक सामान्य परिवार से आने के कारण श्वेता के पास हमेशा सीमित संसाधन रहा. उन्होंने मुफ्त सरकारी कोचिंग से पढ़ाई कर नीट यूजी 2025 में सफलता हासिल की और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया. श्वेका ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ शिक्षकों को दिया. 

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संघर्ष से सफलता का सफर 
श्वेता अब MBBS की पढ़ाई करेगी. एक गरीब परिवार की बेटी का डॉक्टर बनने का सपना अब साकार होने वाला है. माता-पिता के संघर्ष और श्वेता की मेहनत का परिणाम है कि उन्होंने पहले प्रयास में नीट क्रैक किया. गरीबी से संघर्ष करते हुए उनकी यह सफलता पूरे गांव के लिए एक प्रेरणा है.  

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