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NEET-UG पर हो गया फाइनल फैसला, इस मोड में होगा पेपर; जारी हुआ नोटिस

NEET UG 2025 Exam Mode: मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए एनटीए हर साल नीट का आयोजन करता है. MBBS कोर्स के लिए कुल 1,08,000 सीटें उपलब्ध हैं.

NEET-UG पर हो गया फाइनल फैसला, इस मोड में होगा पेपर; जारी हुआ नोटिस
chetan sharma|Updated: Jan 16, 2025, 07:42 PM IST
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NEET Application Process: केंद्र ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG को फिलहाल ऑनलाइन मोड में आयोजित न करने का फैसला किया है और गुरुवार को घोषणा की कि इसे पेन और पेपर मोड में आयोजित किया जाना जारी रहेगा. यह निर्णय शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच विचार-विमर्श के बाद आया है कि एनईईटी-यूजी को पेन और पेपर मोड में या ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाए या नहीं.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के एक सीनियर अधिकारी ने गुरुवार को कहा, "जैसा कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने फैसला लिया है, NEET-UG एक ही दिन और शिफ्ट में पेन और पेपर मोड (ओएमआर आधारित) में आयोजित किया जाएगा."

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) परीक्षा में बैठने वाले कैंडिडेट्स की संख्या के मामले में देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है. 2024 में रिकॉर्ड 24 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी.

मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए एनटीए हर साल नीट का आयोजन करता है. MBBS कोर्स के लिए कुल 1,08,000 सीटें उपलब्ध हैं. एमबीबीएस कोर्स के लिए उपलब्ध सीटों में से लगभग 56,000 सरकारी अस्पतालों में और लगभग 52,000 प्राइवेट कॉलेजों में हैं. डेंटिस्टरी, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए भी नीट के रिजल्ट का इस्तेमाल किया जाता है.

NEET के लिए कंप्यूटर-बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड पर स्विच करने का विचार नया नहीं है और पहले भी कई बार इस पर विचार किया जा चुका है. हालांकि, पिछले साल पेपर लीक विवाद के बाद परीक्षा सुधारों पर जोर दिया गया.

नीट और पीएचडी एडिशन नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्र ने जुलाई में एनटीए द्वारा परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पैनल का गठन किया था. पूर्व इसरो प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाले उच्च-स्तरीय पैनल के मुताबिक, NEET-UG के लिए मल्टी लेवल परीक्षण एक व्यवहार्य संभावना हो सकती है जिसका पालन करने की जरूरत है.

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जबकि NEET कथित लीक सहित कई अनियमितताओं को लेकर सवालों के घेरे में था, यूजीसी-नेट को पिछले साल रद्द कर दिया गया था क्योंकि मंत्रालय को इनपुट मिला था कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया था. दोनों मामलों की जांच सीबीआई कर रही है.

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