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NEET में MBBS का सपना टूटा? कैसे इन स्टूडेंट्स ने बदली अपनी तकदीर और निकाले सफलता के अनछुए रास्ते!

NEET 2025 Results: देश में 1.18 लाख से ज़्यादा MBBS की सीट हैं.इन सीटों में से लगभग 55,648 सरकारी सीटें हैं, जबकि लगभग 53,256 प्राइवेट कॉलेजों में हैं.

NEET में MBBS का सपना टूटा? कैसे इन स्टूडेंट्स ने बदली अपनी तकदीर और निकाले सफलता के अनछुए रास्ते!
chetan sharma|Updated: May 28, 2025, 12:36 PM IST
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NEET MBBS Seats 2025: हर साल, भारत में लाखों छात्र NEET पर अपनी उम्मीदें लगाए रहते हैं — यह मेडिकल करियर का एंट्री गेट है. अकेले 2025 में, देश में 1.18 लाख से ज़्यादा MBBS सीटों के लिए लगभग 21 लाख स्टूडेंट NEET-UG परीक्षा में शामिल हुए. इन सीटों में से लगभग 55,648 सरकारी सीटें हैं, जबकि लगभग 53,256 प्राइवेट कॉलेजों में हैं. मुकाबला बेहद कड़ा है, हर सीट के लिए लगभग 18 उम्मीदवार हैं. लेकिन क्या होता है जब रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक नहीं आते?

जब NEET के बाद भी नहीं टूटी उम्मीद

Reddit पर, कई छात्रों ने NEET पास न कर पाने के अपने एक्सपीरिएंस शेयर किए हैं — ऐसी स्टोरीज जो निराशा, आत्म-चिंतन और आखिरकार, अप्रत्याशित उम्मीद से भरी हैं.

एक रेड्डिटर ने मेडिकल के अलावा सफलता पाने का अपना अनुभव बताया: "मैं इंजीनियरिंग में गया और अब एक बड़ी 'बिग फोर' फर्म में सालाना 20 लाख रुपये से ज़्यादा कमाता हूं. मेडिकल में न जाना शायद मेरे साथ हुई सबसे अच्छी चीज़ थी. NEET में फेल होने के बाद, मैं दूसरे राज्य की एक यूनिवर्सिटी में चला गया, जिससे घर और मेरे मन दोनों में उदास माहौल ठीक हुआ. इसने मुझे और मेरे माता-पिता दोनों को लगातार परेशान रहने की भावना से बाहर निकलने में सचमुच मदद की. मैंने पीछे मुड़कर न देखने का फैसला किया."

रेड्डिटर ने आगे लिखा, "मैंने एकादमिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया, स्कॉलरशिप हासिल की, कुछ रिसर्च पेपर प्रकाशित किए और यूनिवर्सिटी लाइफ का आनंद लिया. बाद में, मुझे अपनी पसंद की नौकरी मिली और मैंने बहुत मेहनत की, जिसका मुझे आर्थिक रूप से फ़ायदा हुआ. एक बार जब मेरी आर्थिक स्थिति स्थिर हो गई, तो मैं जो कुछ भी चाहता था, उसे करने के लिए आजाद था. मैंने खुद को खुश किया, और मैंने अपने माता-पिता को खुश किया. अब भी, जब मैं घर जाता हूं, तो मैं उन दोस्तों से मिलना सुनिश्चित करता हूं जो डॉक्टर बन गए हैं. उन्होंने मुझे मेरे बुरे दौर से निकलने में मदद की, और अब, जब वे अपनी रेसिडेंसी शुरू कर रहे हैं, तो मैं उनका सपोर्ट करता हूं. पीछे मुड़कर देखने पर मुझे लगता है कि मेडिकल का काम का बोझ और लाइफस्टाइल मेरे जीवन से मेरी इच्छाओं के अनुरूप नहीं था, और मैं NEET पास करने में अपनी असफलता को एक भाग्यशाली घटना मानता हूं."

इंजीनियरिंग में मिली सफलता

एक अन्य रेड्डिटर ने निराशा से इंजीनियरिंग में सफलता तक के अपने रास्ते के बारे में बताया:

"मेरे 640 नंबर आए थे और मेरी रैंक लगभग 5,000 थी. मैं खुद से निराश था. मैं किसी भी टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं ले सका और न ही प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लेकर अपने माता-पिता पर बोझ डालना चाहता था. इसलिए, मैंने एक टॉप सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया."

रेड्डिटर ने आगे बताया, "मैंने कड़ी मेहनत की और अब मैं अमेजन में इंटर्नशिप कर रहा हूं. जीवन में कुछ चीजें किसी वजह से होती हैं. मैंने अपना बचपन यह सोचते हुए बिताया कि मैं डॉक्टर बनने के लिए ही बना हूं, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मेडिकल सबके लिए नहीं है. कभी-कभी, जब जीवन आपको एक संकेत देता है कि कुछ आपके लिए नहीं है, चाहे आप कितनी भी कोशिश करें, वह नहीं होगा. लेकिन अगर आप आपको मिलने वाले किसी भी मौके को स्वीकार करते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, तो चीजें बेहतर होंगी."

असफलता और सेल्फ डिस्कवरी का सफर

एक तीसरे रेड्डिटर ने असफलता और सेल्फ डिस्कवरी के अपने एक्सपीरिएंस शेयर किए: "मैं दो बार NEET पास नहीं कर पाया. पहली बार, मैंने खुद से कहा कि यह सिर्फ दुर्भाग्य था. दूसरी बार, मैंने खुद को धोखा देना बंद कर दिया. दोस्तों को MBBS में दाखिला लेते और उनकी 'व्हाइट कोट' सेरेमनी मनाते देखकर, जबकि मैं NCERT की किताबों और पछतावे के साथ अकेला बैठा था, मुझे लगा जैसे मैंने सिर्फ एक परीक्षा ही नहीं, बल्कि अपने परिवार, अपने सपनों और अपने आत्म-सम्मान को भी फेल कर दिया था."

रेड्डिटर ने आगे कहा, "लेकिन असफलता जीवन को रोकती नहीं है. जीवन चलता रहता है, चाहे आप इसे मानें या न मानें. मैंने बायोटेक्नोलॉजी, पैरामेडिकल कोर्स और साइकोलॉजी की खोज की. मैंने एक डिप्लोमा किया जिससे मैं हेल्थ टेक्नोलॉजी में आ गया. आज, मैं एक ऐसी कंपनी में काम करता हूं जो डॉक्टरों को तेज़ी से निदान करने में मदद करने के लिए AI टूल्स बनाती है. शायद मेरे हाथ में स्टेथोस्कोप नहीं है, लेकिन मैं समय बचाने में और कभी-कभी, जान बचाने में भी मदद करता हूं."

रेड्डिटर ने कॉन्क्लूजन निकाला, "यह सिर्फ मैं नहीं हूं - मेरा एक बैचमेट क्लिनिकल रिसर्चर बन गया, दूसरा हॉस्पिटल मैनेजमेंट में गया, और कोई ऐसा जो हर NEET मॉक टेस्ट के बाद रोता था, अब एक सफल NEET कोचिंग YouTube चैनल चलाता है."

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ये स्टोरीज एक खास मैसेज देती हैं: NEET पास करना सफलता या खुशी का एकमात्र रास्ता नहीं है. जबकि मेडिकल सीटें सीमित रहती हैं और कंपटीशन ज्यादा है, जीवन एक संतोषजनक करियर के लिए कई अलग-अलग रास्ते प्रदान करता है. कभी-कभी, जो अंत जैसा लगता है, वह वास्तव में एक नई जर्नी की शुरुआत होती है.

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