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Pariksha Pe Charcha 2024: पीएम मोदी इस दिन करेंगे बच्चों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा', 205.62 लाख से अधिक छात्र लेंगे भाग

Pariksha Pe Charcha 2024: परीक्षा पे चर्चा 'एग्जाम वॉरियर्स' किताब का एक हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों व युवाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल बनाने के लिए लिखा है.

Pariksha Pe Charcha 2024: पीएम मोदी इस दिन करेंगे बच्चों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा', 205.62 लाख से अधिक छात्र लेंगे भाग
Kunal Jha|Updated: Jan 13, 2024, 05:47 PM IST
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Pariksha Pe Charcha 2024 Date: परीक्षा पे चर्चा 2024 (PPC 2024) कार्यक्रम का आयोजन 29 जनवरी, 2024 को होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के इस कार्यक्रम में 205.62 लाख से अधिक छात्र भाग लेंगे. इस आयोजन में 14.93 लाख से अधिक शिक्षक और 5.69 लाख अभिभावक भी हिस्सा लेंगे.

शिक्षा मंत्रालय ने पहले बताया था कि छात्रों को परीक्षा के तनाव से मुक्ति दिलाने और सफलता के लिए प्रेरणा देने में मदद करने के लिए सरकार द्वारा हर साल यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस कार्यक्रम में शिक्षकों और छात्रों के बीच बातचीत होती है और उन्हें पीएम मोदी से मिलने और बातचीत करने का अवसर दिया जाता है.

हर साल परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम कक्षा 6 से 12 तक के स्कूली छात्रों के लिए आयोजित किया गया है.

परीक्षा पे चर्चा 'एग्जाम वॉरियर्स' किताब का हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल बनाने के लिए लिखा है. इस कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं को तनाव मुक्त तरीके से उत्तीर्ण करने के टिप्स साझा किए हैं.

पीपीसी 2024 की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अग्रणी, सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक 'एग्जाम वॉरियर्स' का उद्देश्य छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को एक साथ लाकर एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है, जहां प्रत्येक बच्चे की अद्वितीय व्यक्तित्व का जश्न मनाया जाए, उसे प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें खुद को पूरी तरह से व्यक्त करने की अनुमति दी जाए. यह कार्यक्रम काफी प्रेरणादायक होता है. इस पुस्तक के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने शिक्षा के लिए एक नए दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की है."

छात्रों के नॉलेज और समग्र विकास को प्राथमिक महत्व दिया जाता है. प्रधानमंत्री ने सभी से परीक्षाओं को अनुचित तनाव और दबाव से युक्त जीवन-मृत्यु की स्थिति बनाने के बजाय सही परिप्रेक्ष्य में रखने का आग्रह किया है.

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