trendingNow12820209
Hindi News >>शिक्षा
Advertisement

42 यूनिवर्सिटी से पढ़ाई, हाथ में 20 डिग्रियां..दो बार UPSC क्रैक की, IPS से बने IAS; पढ़ें देश के सबसे शिक्षित शख्स की कहानी

Shrikant Jichkar Success Story: 20 से ज्यादा डिग्रियां, 42 यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और दो बार UPSC परीक्षा पास की. शायद ही आपने किसी को इतना पढ़ा लिखा देखा या सुना होगा. खबर में जानें कौन हैं ये शख्स. 

42 यूनिवर्सिटी से पढ़ाई, हाथ में 20 डिग्रियां..दो बार UPSC क्रैक की, IPS से बने IAS; पढ़ें देश के सबसे शिक्षित शख्स की कहानी
Muskan Chaurasia|Updated: Jun 29, 2025, 01:34 PM IST
Share

Success Story of Youngest MLA of Maharashtra Shrikant Jichkar: क्या कोई आपसे बोले की मेरे पास 20 से अधिक डिग्री है, और 40 से अधिक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की हो, तो क्या आप विश्वास करेंगे? अधिकतर लोगों का जवाब नहीं ही होगा, लेकिन आज जिसके बार में हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं उन्होंने 20 से ज्यादा डिग्रियां हासिल की हैं और 42 यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है. इतनी ही नहीं दो बार देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी भी पास की है. 

IPS से बने IAS
हम बात कर रहे हैं हम बात कर रहे हैं 1954 में महाराष्ट्र जन्मे अद्भुत व्यक्तित्व डॉ. श्रीकांत जिचकर की. उनकी किसी भी प्रेरणा से कम नहीं है. इतनी डिग्री होने के कारण ही उनका नाम आज देश के सबसे शख्स में शामिल है. वहीं, आज के समय में जहां लाखों छात्र UPSC परीक्षा पास करके उसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं. वहीं, श्रीकांत ने इस परीक्षा को 2 बार पास की. 1978 में वह इस परीक्षा को पास करके IPS बने, फिर दो साल बाद 1980 में दोबारा परीक्षा देकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चयनित हुए.

बने थे सबसे कम उम्र के विधायक
सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने फिर आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में अपना कदम रखा और महज 26 साल की उम्र में वह महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुने गए, जो उस समय अपने आप में एक रिकॉर्ड था. इसके साथ ही उन्हें महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया. इस पद के साथ उन्होंने एक साथ 14 अलग-अलग मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाला. 

Panchayat वेब सीरीज देखी है; जानें कैसे बनते हैं पंचायत में 'सचिव जी', कैसे होता सेलेक्शन और कितनी मिलती सैलरी?

सड़क दुर्घटना में निधन
बता दें, डॉ. श्रीकांत सिर्फ एक नेता या फिर आईएएस या आईपीएस ही नहीं थे, बल्कि संस्कृत के प्रकांड विद्वान और कला प्रेमी भी थे. उन्होंने नागपुर में कला सागर नाम से एक कला दीर्घा और 50 हजार से ज्यादा किताबों वाली एक लाइब्रेरी भी बनवाई थी. स समय सबसे बड़े बुक कलेक्शन का रिकॉर्ड भी उनके नाम था. हालांकि, सबसे दुर्भाग्य ये रहा कि उनका निधन मात्र 49 साल की उम्र में 2 जून 2004 को एक सड़क दुर्घटना हो गया.

Read More
{}{}