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समोसा, जलेबी और पकौड़ा बैन! जी हां..अब कैंटीन के मेन्यू में होगा हल्का और हेल्दी खाना, हुआ बड़ा बदलाव

Unhealthy Items Ban in Ministry of Education: समोसा, चाय, जलेबी और पकौड़ा शिक्षा मंत्रालय के कैंटीन में अब नहीं मिलेगा. पीएम मोदी की अपील के बाद ऑयली और मीठे खाने को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. अब यहां ‘नो शुगर-नो ऑयल’ पॉलिसी लागू कर दी गई है. 

समोसा, जलेबी और पकौड़ा बैन! जी हां..अब कैंटीन के मेन्यू में होगा हल्का और हेल्दी खाना, हुआ बड़ा बदलाव
Muskan Chaurasia|Updated: Aug 07, 2025, 08:53 PM IST
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Ministry of Education: जी हां, समोसा, चाय, जलेबी और पकौड़ा को बैन कर दिया है, लेकिन आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है. ये पांबदी लगी है शिक्षा मंत्रालय के कैंटीन में. दरअसल, पीएम मोदी की अपील का असर अब शिक्षा मंत्रालय में भी देखने को मिल रहा है, जहां कैंटीन में अनहेल्दी चीजों को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है.

कैंटीन में अब मिलेगा हेल्दी फूड
बता दें, शास्त्री भवन में स्थित केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की कैंटीन में बड़ा बदलाव हुआ है, जिसके अनुसार अब कैंटीन में कोई भी अन हेल्थी खाने की चीजें नहीं मिलेगी जैसे- समोसा, चाट, पकौड़े, जलेबी आदि. इन खाने की चीजों के अलावा अब कैंटीन में अब हेल्दी फूड जैसे- पोहा, उतपम आदि.

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सीबीएसई ने हाल ही में शुरू की थी पहल
दरअसल, सीबीएसई स्कूलों द्वारा बच्चों में स्वस्थ खान-पान की आदतें बढ़ाने को लेकर शुगर और ऑयल बोर्ड लगाने के बाद अब शिक्षा मंत्रालय भी इसी राह पर चलने को तैयार है. शिक्षा मंत्रालय ने आज यानी 7 अगस्त को घोषणा की कि शिक्षा मंत्रालय के कार्यालय की कैंटीन में अब केवल स्वस्थ नाश्ते दिए जाएंगे.  

पीएम की बात से हुए प्रभावित
वहीं, कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से सेहतमंद जीवनशैली को अपनाने की बात की थी. उन्होंने कहा था कि हमें अपने खाने-पीने की आदतों में बदलाव लाने की जरूरत है. खासकर उन लोगों को जो ऑफिस में लंबे समय तक काम करते हैं और ज्यादा शारीरिक एक्टिविटी नहीं करते हैं. ऐसे में पीएम की इस पहले पर शिक्षा मंत्रालय ने अपनी कैंटीन में इस कदम को उठाया है. अब वहां जो खाना मिलेगा, वो बिना तेल और बिना चीनी के होगा. इसे कहा गया है – नो शुगर, नो ऑयल पॉलिसी.

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जानकारी के अनुसार, कैंटीन के मेनू में हल्का नाश्ता रखने से सभी कर्मचारी दिन भर एक्टिव रहेंगे. साथ ही साथ  स्वस्थ भी रहेंगे. मंत्रालय को उम्मीद है कि इससे एम्प्लॉई के बीमार पड़ने की संभावना भी कम होगी. 

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