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सरकार झुकी पर छात्र अभी भी अड़े, जानिए किन मांगों पर अभी भी फंसा है पेंच?

UPPSC: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि उनका आंदोलन तब ही पूरी तरह से खत्म होगा जब आयोग PCS परीक्षा की तरह ही एक ही दिन में RO-ARO प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित करने की घोषणा कर देगा.

सरकार झुकी पर छात्र अभी भी अड़े, जानिए किन मांगों पर अभी भी फंसा है पेंच?
Kunal Jha|Updated: Nov 14, 2024, 08:34 PM IST
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UPPSC: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के झुकने के बावजूद प्रतियोगी छात्रों का विरोध और आंदोलन जारी है. छात्र आयोग के गेट नंबर दो के सामने बैठकर विरोध कर रहे हैं और हटने को तैयार नहीं हैं. दरअसल, प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि उनका आंदोलन तब ही पूरी तरह से खत्म होगा जब आयोग PCS परीक्षा की तरह ही एक ही दिन में RO-ARO प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित करने की घोषणा कर देगा.

सरकार कमेटी बनाने का आश्वासन देकर ना बनाए बेवकूफ
छात्रों का कहना है कि आयोग RO-ARO परीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का आश्वासन देकर प्रतियोगी छात्रों को बेवकूफ नहीं बना सकती. यह आंदोलन दोनों परीक्षाओं को एक दिन और एक ही शिफ्ट में कराने की मांग के साथ शुरू किया गया था. आयोग ने UP PCS परीक्षा को एक शिफ्ट और एक ही दिन में आयोजित करने की मांग को मान लिया है, लेकिन RO-ARO परीक्षा को एक ही दिन में कराने पर अभी कोई फैसली नहीं हुआ है.

PCS की तरह ही एक दिन-एक शिफ्ट में हो RO-ARO परीक्षा 
आयोग के सामने प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवार RO-ARO परीक्षा एक दिन में कराने की मांग पर अड़े हुए हैं. आयोग के सचिव ने कहा है कि RO-ARO के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी. परीक्षा के आयोजन का फैसला इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा, लेकिन छात्र इसे मानने को तैयार नहीं हैं. वे चाहते हैं कि आयोग एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करने का नोटिस जारी करे, जैसा कि PCS परीक्षा के लिए जारी किया गया है.

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RO-ARO परीक्षा के लिए 10 लाख से ज्यादा उम्मीदवार हैं रजिस्टर्ड
RO-ARO परीक्षा में कुल 10,76,004 उम्मीदवार रजिस्टर्ड हैं, जो PCS परीक्षा से कहीं अधिक है. सरकारी आदेश के अनुसार, ऐसे परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाने चाहिए जो प्राइवेट या निम्न स्तर के हों. सरकारी आदेश के अनुसार, परीक्षा केंद्रों को कलेक्ट्रेट/कोषागार से 20 किमी के दायरे तक विस्तारित करने की कोशिश की गई है. विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी शामिल करने की कोशिश की गई, लेकिन पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल सके.

नहीं मिल पा रहे पर्याप्त परीक्षा केंद्र
हर संभव कोशिश करने के बावजूद पर्याप्त परीक्षा केंद्र न मिल पाने के कारण परीक्षा को एक से अधिक दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया गया और इन परिस्थितियों में 'नॉर्मलाइज़ेशन' प्रक्रिया अपनाई गई. यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के 7 जनवरी 2024 के फैसले में उचित मानी गई थी, जिसमें "उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य बनाम अतुल कुमार द्विवेदी और अन्य" में फैसला सुनाया गया था.

यूपी PCS में 5,76,978 उम्मीदवार हैं रजिस्टर्ड
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को PCS प्रीलिम्स परीक्षा-2024 के लिए राज्य के 75 जिलों में 1,758 केंद्रों की आवश्यकता थी, लेकिन आयोग केवल 55 प्रतिशत केंद्र ही प्राप्त कर सका. PCS प्रीलिम्स परीक्षा-2024 के लिए 5,76,154 उम्मीदवार रजिस्टर्ड हैं और आयोग को केवल 978 परीक्षा केंद्र ही मिले हैं

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