trendingNow12824394
Hindi News >>शिक्षा
Advertisement

Success Story: छोटी सी उम्र में हाथ गंवाया, पर नहीं हारी हिम्मत... बोर्ड में 92% लाकर बनी सबके लिए प्रेरणा, जानिए कैसा रहा सफर

Anamta Ahmed: मुंबई की अनमता अहमत ने 11000 वोल्ट करंट की चपेट में आने से अपने एक हाथ को खो दिया और दूसरा हाथ सिर्फ 20 प्रतिशत काम के योग्य बचा था. इसके बावजूद उन्होंने  ICSE 10वीं की परीक्षा में टॉप किया.   

Success Story: छोटी सी उम्र में हाथ गंवाया, पर नहीं हारी हिम्मत... बोर्ड में 92% लाकर बनी सबके लिए प्रेरणा, जानिए कैसा रहा सफर
Deepa Mishra|Updated: Jul 02, 2025, 09:32 PM IST
Share

Anamta Ahmed Success Story: सफलता एक ऐसा मुकाम है, जिसे वो लोग ही हासिल कर सकते हैं, जिनके अंदर उसे प्राप्त करने के जुनून के साथ ईमानदारी के साथ मेहनत करने की लगन हो, लेकिन कुछ लोगों का सफर इतना चुनौतीपूर्ण होता है कि उनकी सफलता सभी के लिए एक प्रेरणा बन जाती है. ऐसी ही कुछ कहानी है अनमता अहमद की. जो मूल रूप से मुंबई की रहने वाली है. अनमता छोटी उम्र में एक भयानक हादसे का शिकार हो गई, जिसका परिणाम रहा कि उन्हें अपना एक हाथ खोना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हौसला नहीं खोया और ICSE बोर्ड की परीक्षा में कमाल का प्रदर्शन किया. उन्होंने एक हाथ के सहारे 10वीं में 92% मार्क्स स्कोर किए. चलिए हम आपको उनकी प्रेरणादायक कहानी के बारे में बताते हैं. 

हादसे ने ली हाथ 
दरअसल, साल 2022 में मात्र 13 साल की उम्र में अनमता के साथ एक भयानक हादसा हुआ. जब अनमता 9वीं कक्षा में थी, तब एक दिन अपने भाइयों के साथ खेलने के दौरान वो 11000 वोल्ट करंट की चपेट में आ गई. हजारों वोल्ट बिजली की झटके में आने के कारण डॉक्टरों को उनका दाहिना हाथ काटना पड़ा और उनका बायां हाथ बुरी तरह से झुलस गया था. उनका बायां हाथ सिर्फ 20 प्रतिशत की काम करने योग्य बचा था. इस हादसे के बाद अनमता लगभग 50 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रही. एक हादसे ने उनके हाथ छीन लिए, जिस कारण उन्हें काफी शारीरिक और मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद अनमता ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने आगे बढ़ने का लक्ष्य बनाए रखा. 

जब पानी नहीं हो सकता खराब, फिर बोतलबंद पानी पर क्यों लिखी होती है एक्सपायरी डेट?

स्कूल टॉपर 
जहां एक ओर डॉक्टरों ने अनमता के माता-पिता को सुझाव दिया था उनकी बेटी को पढ़ाई से एक या दो साल का ब्रेक ले लेना चाहिए. वहीं, दूसरी ओर अनमता का पढ़ाई के प्रति ऐसा जुनून था कि वो इससे लिए बिल्कुल भी तैयारी नहीं थी. वो न तो घर में बैठकर समय गंवाना चाहती थी. न ही वो स्कूल की पढ़ाई में पीछे होना चाहती थी. अनमता ने नसीब को कोसने के बजाय अपनी पढ़ाई को जारी रखा. उन्होंने बाएं हाथ से लिखने की आदत विकसित की. इसके साथ ही उन्होंने बोर्ड में अच्छा स्कोर करने के लिए हर संभव प्रयास किया. अनमता के मुश्किलों भरे दौर में स्कूल उनका प्रेरणा बना और शिक्षक सहारा. इसी का परिणाम रहा कि उन्होंने सभी को गलत साबित करते हुए 10वीं में 92% मार्क्स हासिल किए. हिंदी में 98% अंकों के साथ वो अपने स्कूल टॉपर बनीं. 

किसी भी वक्त आ सकता है TNPSC ग्रुप 4 एडमिट कार्ड, ऐसे आसानी से करें डाउनलोड

Read More
{}{}