Success Story of Dipesh Kewlani: कहते हैं अगर कुछ करने की इच्छा हो तो कोई भी मुश्किलें बाधा नहीं बन सकती है. देश में ऐसे कई सारे लड़के और लड़किया हैं जो कड़ी मेहनत से पढ़ाई करके यूपीएससी, कैट जैसी कठिन परीक्षाओं को पास करके परिवार सहित देश का भी नाम रोशन कर रहे है. ऐसा हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि एक शख्स ने चौकीदारी की नौकरी करते हुए पढ़ाई की और आईआईएम पढ़ने का अपना सपना साकार किया.
इस खबर में हम बात कर रहे हैं अहमदाबाद के दीपेश केवलानी की, जिन्होंने चौकीदार की जॉब करते हुए आईआईएम में पढ़ने का अपना सपना साकार कर लिया और अब वह हजारों युवाओं के लिए एक मिसाल बन गए है. बता दें, देश के टॉप मैनेजमेंट संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में प्रवेश के लिए नवंबर 2024 में कॉमन एडमिशन टेस्ट का आयोजन हुआ था, जिसमें दीपेश मे 92.5 प्रतिशत के साथ आईआईम शिलांग में अपना एडमिशन पक्का कर लिया है.
जानकारी के अनुसार, दीपेश केवलानी जब 11 साल के थे तो उनके पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद से उनका परिवार जयपुर से अहमदाबाद आ गया.पिता के निधन के बाद से दीपेश के कंधों पर बोझ बढ़ गया था. मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि एक ट्रस्ट उनके परिवार की इस दौरान काफी मदद की थी.
दीपेश ने बताया कि वह जब कक्षा 7वीं में पढ़ रहे थे, तब से वह एक जूते की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया था. ये साल 2011-12 की बात है, उसवक्त 1500 रुपये महीने सैलरी मिलती थी. इसके अलावा वह चाचा की भी काम में मदद करते थे. पढ़ाई के बारे में उन्होंने बताया की 10वीं में उनके 85% और 12वीं की 89% नंबर आए. साल 2017 में 12वीं के बाद उन्होंने अहमदाबाद में एक जगह पर चौकीदार की नौकरी की. इस जॉब से उन्हें 18000 रुपये महीने मिलने लगे. जॉब करते हुए दीपेश ने बीकॉम और एमकॉम किया.
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दीपेश हमेशा से ही एमबीए करना चाहते थे, लेकिन घर की जिम्मेदारियां और पैसों की दिक्कत की वजह से वह तैयारी नहीं कर पा रहे थे. हालांकि, छोटे भाई के सपनों को उन्होंने रुकने नहीं दिया. छोटे भाई दिनेश को साल 2023 में आईआईएम लखनऊ में एडमिशन मिला. ऐसे में भाई का करियर सेट होने के बाद दीपेश ने भी पढ़ाई पर फोकस किया मई 2024 से CAT की तैयारी शुरू की. वह दिन में ढाई बजे तक चौकीदारी की नौकरी करते और फिर शाम को कोचिंग क्लास में जाते थे.