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स्कूल से बायोलॉजी में थी रुचि,12वीं के बाद दी JEE परीक्षा और हो गए फेल, 1 साल ऐसी की तैयारी और बन गए IITian

Success Story: पढ़ें कानपुर के रहने वाले दिव्यांशु की सफलता की कहानी. उन्होंने जेईई परीक्षा को दूसरे प्रयास में पास किया, जिसके लिए उन्होंने एक साल रुक करके तैयारी. 

स्कूल से बायोलॉजी में थी रुचि,12वीं के बाद दी JEE परीक्षा और हो गए फेल, 1 साल ऐसी की तैयारी और बन गए IITian
Muskan Chaurasia|Updated: Jul 01, 2025, 01:06 PM IST
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JEE Success Story: अक्सर लोग जीवन में मिली असफलता के कारण हार मान लेते हैं और आगे के लिए प्रयास नहीं करते हैं, लेकिन हकीकत तो ये ही है कि निरंतर प्रयास और मेहनत ही आपको आगे ले जा सकता है. ऐसी ही एक कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं जिसने हार ना मानते हुए परीक्षा की तैयारी और अब IITian बन गए हैं. 

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले दिव्यांशु की, जिन्होंने पहली बार असफलता मिलने पर हार ना मानने की बजाए फिर से मेहनत करके सफलता हासिल की. बता दें, दिव्यांशु ने 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई कानुपर से ही की है. इसके बाद वह लखनऊ चले गए. 12वीं की पढ़ाई लखनऊ से करके उन्होंने जेईई की परीक्षा दी. हालांकि, बचपन से उनकी रूची बायोलॉजी में थी, ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पिता एक वेटेनेरियवन हैं. 

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लेकिन बाद में वह मैथ्स की तरफ झुक गए और साल 2021 में उन्होंने जेईई की परीक्षा दी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. ऐसे में हार ना मानते हुए दिव्यांशु ने एक साल रूक कर आराम से इस कठिन परीक्षा की तैयारी की और साल 2022 में दोबारा जेईई परीक्षा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन अपनी पूरी पढ़ाई की. साथ ही मॉक टेस्ट से उन्हें काफी फायदा भी मिला. 

हालांकि, सफर आसान नहीं था. एक साल रुककर तैयारी करना और फिर ना पास होने का डर हर किसी के बस की बात नहीं है. लेकिन आज वह पीछे देखते हैं तो उन्हें लगता है कि हर काम के लिए मेहनत और खुद पर भरोसा होना बेहद जरूरी है. बता दें, जेईई परीक्षा को पास करके वह आईआईटी मंडी से बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि IIT मंडी में एडमिशन मिलना किसी सपने से कम नहीं है. 

मीडिया से बात करते हुए दिव्यांशु ने बताया कि उन्हें कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी, जीनोमिक्स या न्यूरोसाइंस जैसे क्षेत्रों में आगे की पढ़ाई करनी है. वह चाहते हैं कि उनकी पढ़ाई किसी ऐसी दिशा में हो जिससे वह साइंस और समाज दोनों में अपना योगदान दे सकें.    

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