Success Story of IPS Amitabh Yash: उत्तर प्रदेश में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश (IPS Amitabh Yash) का नाम अपराधियों और दंगाइयों के बीच खौफ का दूसरा नाम बन चुका है. वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर हैं और अब तक कई खतरनाक अपराधियों को ढेर कर चुके हैं. कुछ महीनों पहले बहराइच में हुई हिंसा के दौरान उन्होंने पिस्टल लेकर खुद मोर्चा संभाला, जिससे उनकी तेजतर्रार छवि एक बार फिर चर्चा में आ गई, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आईपीएस अधिकारी कितने पढ़े-लिखे हैं और उन्होंने कहां से शिक्षा हासिल की? आइए जानते हैं उनके एजुकेशन और करियर से जुड़ी खास बातें.
बचपन से ही पुलिस सिस्टम के बीच बीता जीवन
अमिताभ यश मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म 11 अप्रैल 1971 को हुआ था. उनके पिता रामयश सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे और बिहार कैडर में डीआईजी के पद तक पहुंचे. ऐसे माहौल में पले-बढ़े अमिताभ यश को बचपन से ही पुलिस सेवा में जाने की प्रेरणा मिली.
दिल्ली यूनिवर्सिटी और IIT कानपुर से पढ़ाई
अमिताभ यश की शुरुआती पढ़ाई पटना में हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक (ग्रेजुएशन) की डिग्री हासिल की. यहीं से उनकी रुचि विज्ञान में बढ़ी और उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए IIT कानपुर से केमिस्ट्री में MSc की डिग्री ली. हालांकि, उनका असली लक्ष्य सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) पास कर पुलिस अफसर बनना था.
थाने में बैठकर की UPSC की तैयारी
अमिताभ यश का संघर्ष भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है. उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तब वे अक्सर पुलिस थाने में बैठकर पढ़ाई किया करते थे. कई बार थाने में ही खाना भी खा लेते थे. उनकी यह मेहनत रंग लाई और 1995 में उनका UPSC में चयन हो गया.
पहली पोस्टिंग से लेकर STF तक का सफर
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ यश को पहली पोस्टिंग यूपी के संतकबीरनगर जिले में एसपी के रूप में मिली. इसके बाद उन्होंने बाराबंकी, सहारनपुर, नोएडा, कानपुर, बुलंदशहर, महाराजगंज, सीतापुर, जालौन और हरदोई जैसे जिलों में एसपी और एसएसपी के रूप में सेवा दी.
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मिली पहचान
2007 में उन्हें यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का एसएसपी बनाया गया. 2017 में वह आईजी एसटीएफ बने और 2021 में एडीजी के पद तक पहुंचे. इसी दौरान उन्होंने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद समेत कई बड़े अपराधियों के एनकाउंटर ऑपरेशन का नेतृत्व किया. जनवरी 2024 में उन्हें एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया, जहां वे अब यूपी की कानून-व्यवस्था संभाल रहे हैं.