Success Story: अक्सर स्कूलों में आप सभी ने सुना होगा कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है, लेकिन बहुत कम ही लोग इसे हकीकत में भी सच होते देख पाते होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर लोग पढ़ाई करके नौकरी फिर घर-परिवार में लग जाते हैं, लेकिन आज हम आपको जिनकी कहानी बताने जा रहे हैं उन्होंने बिस्तर पकड़ने की उम्र पढ़ाई करके डिग्री हासिल की है.
हम बात कर रहे हैं डॉ. एन. एस. धानम की, जिन्होंने ये साबित कर दिया कि पढ़ाई या फिर सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. अगर आप ठान लें तो किसी भी उम्र में अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. बता दें, डॉ. एन. एस. धानम ने 81 साल की उम्र में पी.एचडी. और 91 साल की उम्र में डी.लिट. की डिग्री हासिल की है.
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डॉ. एन. एस. धानम का जन्म 1934 में आंध्र प्रदेश में हुआ था. उन्होंने सरकारी ऑफिस में क्लर्क के तौर पर काम किया है. इसके बाद वह एक प्राइवेट कंपनी ज्वाइन कर लिए. वहीं, करियर में तरक्की करते हुए उन्होंने जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर साउथ कोरिया, ओमान, बहरीन और फिलीपींस में भी काम किया. वहीं, 1994 में वह रिटायर हो गए, लेकिन उन्होंने खुद को यहां रोका नहीं.
उन्होंने पोस्टग्रेजुएट फिलॉसफी कोर्स में एडमिशन लिया. 81 साल की उम्र में आंध्र यूनिवर्सिटी से पी.एचडी. पूरी की और डिग्री हासिल की. वहीं, हाल ही में, 91 साल की उम्र में उन्होंने वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी से डी.लिट. की डिग्री हासिल की है. उनका मानना है कि दिमाग को हमेशा एक्टिव रखना चाहिए. डॉ. एन. एस. धानम की ये कहानी हम सभी को ये सीख देती है कि उम्र कभी भी बाधा नहीं बन सकती है. अगर कुछ करने का हौसला हो तो इंसान किसी भी उम्र में कुछ भी सीख सकता है.