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मोटर मैकेनिक के बेटे ने JEE परीक्षा में किया कमाल, गैराज से निकलकर लेकर IIT कानपुर तक का सफर किया तय

IIT Success Story: इस खबर में पढ़ें कर्नाटक के सुशांत एन.प्रभु की सफलता का कहानी. उन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद जेईई परीक्षा पास की और अब IIT कानपुर पढ़ाई कर रहे हैं. 

मोटर मैकेनिक के बेटे ने JEE परीक्षा में किया कमाल, गैराज से निकलकर लेकर IIT कानपुर तक का सफर किया तय
Muskan Chaurasia|Updated: Jul 06, 2025, 02:33 PM IST
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IIT Success Story of Sushant N Prabhu: रोजाना हम आपके लिए किसी ना किसी प्रतियोगी परीक्षा में पास हुए कैंडिडेट्स की सफलता की कहानी लेकर आते हैं. ऐसे में आज हम बात करेंगे जेईई परीक्षा में पास हुए सुशांत एन प्रभु की, जिन्होंने जिंदगी की कई परेशानियों के साथ भी हार ना मानते हुए परीक्षा को पास किया और आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया. 

अगर मन में अपने सपने को पूरा करने की इच्छा हो तो इंसान बड़े से बड़े पत्थर को भी आसानी से पार कर सकता है और इस बात को सच करके दिखाया है कर्नाटक के सुशांत एन.प्रभु (Sushant N Prabhu) ने, जिनके पिता एक गैराज में काम करते थे. यहां तक की सुशांत भी गैराज में पिता के साथ उनकी काम में मदद करते थे. एक गैराज से निकल सुशांत ने आईआईटी कानपुर तक का सफर तय किया है. 

बता दें, सुशांत बेहद साधारण परिवार से आते हैं. उनके पिता गैराज में मोटरसाइकिल मैकेनिक हैं. वहीं मां कपड़े सिलने का काम करती हैं. हालांकि, घर के आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बावजूद भी सुशांत के माता पिता ने अपने बेटे के पढ़ाई के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. उनके माता-पिता चाहते थे कि वो अच्छे से पढ़ाई करके एक बड़ा इंसान बनें. 

कहते हैं कि अगर माता-पिता का सिर पर हाथ हो किस्मत भ बदल जाती है. ऐसे में माता-पिता के साथ और खुद के मेहनत के कारण ही आज सुशांत ने इतनी बड़ी परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली और अब वो आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं. सुशांत की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने अपने गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है. SSLC परीक्षा में उन्होंने 625 में से 620 अंक हासिल किए थे. इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु स्थित राष्ट्रोत्थान परिषद के आवासीय विद्यालय से PUC की पढ़ाई की. 

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बता दें, सुशांत बचपन से होनहार स्टूडेंट रहे हैं. अपने पिता के साथ गैराज में काम करते-करते उन्हें मशीन के साथ कैसे काम किया जाता है, इसकी भी गहरी समझ हो गई. उन्होंने इसी अनुभव का इस्तेमाल करते अपने सपने के ओर कदम बढ़ाया और अब एक आईआईटीएन बन चुके हैं. 

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