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मां Anesthetist और पिता लिवर सर्जन; बेटी ने चुना इंजीनियरिंग, जेईई परीक्षा पास कर पहुंची IIT Guwahati

IIT Success Story: मां Anaesthetist और पिता लिवर सर्जन हैं. डॉक्टर की बेटी इंजीनियर बनीं. पढ़ें तनीषा सिंह की इस सफर की कहानी. 

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Muskan Chaurasia|Updated: Aug 04, 2025, 05:19 PM IST
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Success Story of Tanisha Singh: कहते हैं ना आपकी किस्मत में जो लिखा होता है वो आपको मिलकर रहता है, आपको सिर्फ सही दिशा में मेहनत करनी होती है. ऐसी ही एक लड़की की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिसके माता-पिता तो मेडिकल के फील्ड से हैं, लेकिन बेटी ने इंजीनियरिंग को चुना और अब वह बी.टेक की पढ़ाई कर रही हैं. 

आगरा की रहने वाली तनीषा
हम बात कर रहे हैं 19 साल की आगरा की रहने वाली तनीषा सिंह की. हालांकि, उनका पूरा जीवन हैदराबाद में बीता है. उनके लिए आगरा नहीं बल्कि हैदराबाद ही सबकुछ रहा. बचपन, घर, पढ़ाई सारी चीजें उन्होंने इस शहर में ही गुजारा है.

माता-पिता मेडिकल में
तनीषा सिंह के माता-पिता मेडिकल क्षेत्र में काम करते हैं. मां उनकी एनेस्थेटिस्ट (anaesthetist) हैं, तो वहीं पिता लिवर सर्जन (Liver Surgeon) हैं. बचपन से उन्होंने ऐसा कुछ नहीं सोचा था कि वो बड़ी होकर क्या बनेंगी, लेकिन हां सबके लिए ये ही था कि डॉक्टर की बेटी है तो बड़े होकर डॉक्टर ही बनेगी, लेकिन तनीषा इससे बिल्कुल अलग थी. 

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बायोलॉजी नहीं पसंद
उन्हें बायोलॉजी बिल्कुल पसंद नहीं थी. ऐसे में उन्होंने मैथ्स को चुना और फिजिक्स, केमेस्ट्री के साथ 12वीं की परीक्षा पास की. इसके बाद उन्होंने जेईई एग्जाम को क्रैक किया. पिछले साल यानी 2024 में जेईई मेंस और एडवांस परीक्षा में वह शामिल हुई और 11,415 रैंक एडवांस में हासिल किया.  इसके बाद उन्हें आईआईटी गुवाहटी में दाखिला मिला.  जब ब्रांच चुनने की बात आई तो उन्हें रैंक के हिसाब से केमिकल और मैकेनिकल के ऑप्शन मिला. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग को चुना क्योंकि केमिस्ट्री में वो खुद को कमजोर मानती थी. 

आईआईटी गुवाहाटी में मिला एडमिशन
2024 जुलाई में तनीषा ने आईआईटी गुवाहाटी में दाखिला लिया. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह पहली बार था जब मैं घर से दूर जाने वाली थी. वो काफी ज्यादा उदास थी और अपने आंसू तक नहीं रोक पा रही थी. हालांकि, कॉलेज में कुछ समय के बाद ये सफर आसान हो गया था. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मुझे ठीक से पता नहीं है कि बी.टेक के बाद जिंदगी मुझे आगे कहां ले जाएगी, लेकिन मुझे यकीन है कि मैं अपने माता-पिता को जरूर गर्व महसूस करवाऊंगी.  

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