IAS Prateek Jain Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विस परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल आयोजित होने वाली इस परीक्षा में लाखों कैंडिडेट्स प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ ही अपने पहले अटेंप्ट में इसे क्रैक कर पाते हैं. कई कैंडिडेट्स तो ऐसे होते हैं, जो सालों साल प्रयास करने के बाद भी यूपीएससी में सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं, क्योंकि इसमें सफलता हासिल करने के लिए एक उम्मीदवार को आत्मविश्वास, ईमानदारी के साथ मेहनत औप सही रणनीति से तैयारी करने की जरूरत होती है. चलिए हम आपको एक ऐसे ही यूपीएससी कैंडिडेट के बारे में बताते हैं, जो मात्र 25 की उम्र में आईएएस बने.
IAS प्रतीक जैन
हम बात कर रहे हैं आईएएस प्रतीक जैन की, जो 2018 बैच के IAS ऑफिसर हैं और मूल रूप से राजस्थान के अजमेर के रहने वाले हैं. प्रतीक जैन की पत्नी अक्षिता अग्रवाल है, जो कि खुद एक ऑफिसर हैं. उन्होंने साल 2016 में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFoS) में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की थी. प्रतीक ने अपना अधिकांश पढ़ाई राजस्थान से पूरा किया है. उन्होंने स्कूलिंग कंप्लीट करने के बाद बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) पिलानी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की और फिर बायोलॉजिकल साइंस किया. ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने साल 2020 में JNU से पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री हासिल की.
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दूसरे अटेंप्ट में बने IAS
पढ़ाई के दौरान ही प्रतीक ने साल 2016 में यूपीएससी का पहला अटेंप्ट दिया. पहले प्रयास में उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस क्लियर किया, लेकिन फाइनल लिस्ट में वो जगह नहीं बना पाए. उसी साल उन्होंने इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFoS) में ऑल इंडिया रैंक तीसरा हासिल किया, लेकिन प्रतीक का सपना हमेशा से आईएएस बनना था, इसलिए उन्होंने 2017 में यूपीएससी का दूसरा अटेंप्ट दिया. UPSC CSE 2017 की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 86वीं हासिल की और आईएएस बनकर अपने सपने को साकार किया. आईएएस की ट्रेनिंग के बाद प्रतीक की पहली पोस्टिंग हरिद्वार में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (CDO) के तौर पर हुई. उसके बाद वो नैनीताल में डिप्टी कलेक्टर बने. मौजूदा समय में वो रुद्रप्रयाग के DM के तौर पर कार्यरत हैं.
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