IAS Taruni Pandey Success Story: जीवन में हर किसी के पास कभी खुशियां आती और कभी गम, लेकिन सफल वो ही हो पाते हैं जो इन परिस्थितियों में भी खुद को हारने ना दें और लगातार प्रयास करते रहें. ऐसी ही कुछ कहानी है आईएएस तरुणी पांडे की, जिनके जीवन में कई मुसीबतें आईं लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं माना और यही वजह है कि आज वह इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं.
हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल की तरुणी पांडे की, जिन्होंने बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था. एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी कई सारी दिक्कतें हो गई थी, जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई को बीच में ही छोड़ना पड़ा. हालांकि, ठीक होने के बाद उन्होंमे इग्नू से इंग्लिश साहित्य में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
साल 2020 में एक बार से मुश्किलों ने उन्हें घेर लिया, यूपीएससी परीक्षा से 4 दिन पहले वह कोविड-19 से संक्रमित हो गईं, जिसकी वजह से वह इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई. हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2021 में 32 साल की उम्र में जनरल कैटगरी के अधिकत उम्र में इस परीक्षा को दिया और ऑल इंडिया 14वीं रैंक हासिल की.
बता दें, इस परीक्षा के लिए उनके पास केवल 6 महीने ही थे तैयारी के लिए. ऐसे में उन्होंने बिना किसी कोचिंग के खुद से पढ़ाई करके और यूट्यूब पर वीडियो देखकर परीक्षा की तैयारी और अब आईएएस अधिकारी बन गईं. उनका कभी भी इरादा सिविल सर्विस में जाने का नहीं था, लेकिन साल 2016 में जब उनके जीजा, जो कि CRPF में कैप्टन थे, शहीद हो गए. इस घटना ने उन्हें झकझोर दिया. यही से उनके मन में IAS बनने की प्रेरणा जगी और उन्होंने ठाना ही अब वह यूपीएससी परीक्षा में शामिल होंगी और अफसर बनेंगी.