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पिता किसान, सुनामी में तबाह हो गया था घर! मेहनत और जज्बे से दो बहनों ने रचा इतिहास, एक बनीं IAS तो दूसरी IPS

UPSC Success Story: किसान की बेटियों ने मेहनत और जज्बे से इतिहास रचा है. दो बहनों ने यूपीएससी परीक्षा पास की. एक IAS तो दूसरी IPS बनीं. पढ़ें सफलता की कहानी. 

पिता किसान, सुनामी में तबाह हो गया था घर! मेहनत और जज्बे से दो बहनों ने रचा इतिहास, एक बनीं IAS तो दूसरी IPS
Muskan Chaurasia|Updated: May 28, 2025, 02:11 PM IST
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UPSC Success Story: अगर किसी काम को पूरे लगन से किया जाए तो पहाड़ जैसे मुश्किलों को भी आसानी से पार किया जा सकता है. ऐसा कई बार देखने को मिलता है कुछ छात्र जीवन में परेशानियों और असफलता के कारण हार मान लेते हैं और खुद को कमजोर समझकर आगे जीवन में कोई नहीं करते हैं, लेकिन वहीं ऐसे भी कुछ लोग हैं जो कमजोरी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते हैं. साथ ही परेशानियों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य के प्रति काम करते हैं. ऐसा हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज के इस खबर में बात कर रहे हैं दो बहनों की सफलता की कहानी के बारे में जिन्होंने जिंदगी में कई परेशानियां देखी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा किया.   

इस खबर में हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के कड्डलोर जिले के किसान की बेटियां सुष्मिता और ईश्वार्या रामनाथन की, जिन्होंने यूपीएससी की कठिन परीक्षाओं को पास करके ये साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो अगर मेहनत की जाए तो मंजिल जरूर मिलती है. साथ ही ये साबित कर दिया कि एक घर में दो बेटियां भी देश की सेवा के लिए अपना योगदान दे सकती हैं.   

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दरअसल, सुष्मिता और ईश्वर्या रामनाथन ने यूपीएससी पास करके आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन गई हैं. ईश्वार्या ने साल 2019 में 44वीं रैंक हासिल की और आईएएस बनीं.  सुष्मिता ने छह प्रयासों के बाद 2022 में 528वीं रैंक के साथ परीक्षा पास करके आईपीएस अधिकारी बनी.  दोनों ही बेहद साधारण परिवार से हैं. उनके पिता किसान हैं. बचपन में आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई में काफी दिक्कतें आईं. वहीं, साल 2004 में आई सुनामी के दौरान उनके घर तबाह हो गए थे. ये समय उनके जीवन का सबसे दर्दनाक पल था. 

हालांकि, दोनों बहनों ने हिम्मत नहीं हारी बल्कि मेहनत और लगन से तमाम मुश्किलों के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखी. दोनों बहनों में से छोटी बहन ईश्वार्या ने पहले सफलता हासिल की. साल 2018 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 628वीं रैंक के साथ पास की.उन्हेंन रेलवे अकाउंट्स सर्विस की सेवा मिला, लेकिन वह इस रैंक से खुश नहीं थी इसलिए उन्होंने फिर से इस परीक्षा को दिया. ऐसे में साल 2019 में 44वीं रैंक के साथ इस परीक्षा को पास किया. वर्तमान में वह तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में एडिशनल कलेक्टर (विकास) के पद पर हैं. 

वहीं, बड़ी बहन सुष्मिता को कई बार यूपीएससी में असफलता मिली. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी औप मेहनत करती रहीं. उन्होंने छठे प्रयास में साल 2022 में 528वीं रैंक मिली. वर्तमान में वह काकीनाडा ज़िले में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) के पद पर कार्यरत हैं. 

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