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UPSC Success Story: 4 बच्चे, चारों ने क्रैक किया UPSC, 2 IAS तो 2 IPS, जानें इस बैंक मैनेजर के परिवार की सफलता की कहानी

Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में आइए हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताते हैं, जिसमें चार भाई-बहनों ने यूपीएससी क्रैक किया और आईएएस और आईपीएस बने.   

UPSC Success Story: 4 बच्चे, चारों ने क्रैक किया UPSC, 2 IAS तो 2 IPS, जानें इस बैंक मैनेजर के परिवार की सफलता की कहानी
Deepa Mishra|Updated: Jun 22, 2025, 07:30 PM IST
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Siblings UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसमें सफलता हासिल करना काफी मुश्किल होता है. अगर किसी परिवार से एक भी सदस्य यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा क्रैक कर ले, तो ये काफी गर्व की बात मानी जाता है. परिवार का नाम रोशन हो जाता है.  ऐसे में चलिए हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताते हैं, जिसमें एक या दो नहीं बल्कि 4 सदस्यों ने यूपीएससी सिविल सेवा सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल की और IAS, IPS बने. 

पिता बैंक मैनेजर 
हम जिस परिवार की बात कर रहे हैं, वो उत्तर प्रदेश के लालगंज जिले के रहने वाले हैं. इस परिवार के चार भाई-बहनों ने यूपीएससी में सफलता हासिल की. कोई IAS के पद पर कार्यरत हुआ तो कोई IPS. इन सभी के पिता का नाम अनिल प्रकाश मिश्रा हैं, जो ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे. ग्रामीण बैंक में मैनेजर होने के बावजूद उन्होंने अपने चारों बच्चों की पढ़ाई में कभी कोई नहीं रखी. इसी का परिणाम रहा कि उनके चारों बच्चों ने उनका सपना पूरा करने के साथ नाम रोशन किया. 

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2 IAS, 2 IPS 
यूपीएससी क्रैक करने वाले चार भाई-बहनों में सबसे बड़े योगेश मिश्रा हैं, जो एक आईएएस अधिकारी हैं. साल 2013 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया था. योगेश की बहन क्षमा मिश्रा ने भी भाई को प्रेरणा मानते हुए यूपीएससी की तैयारी की, लेकिन ये पहले तीन प्रयास में असफल रही. हालांकि, अपने चौथे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल किया और आईपीएस अधिकारी बनी. योगेश की दूसरी बहन का नाम माधुरी मिश्रा है, उन्होंने साल 2014 में यूपीएससी सीएसई का एग्जाम दिया और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की. वो भी आईएएस अधिकारी बनी. वहीं, चारों भाई-बहन में सबसे छोटे लोकेश मिश्रा ने साल 2015 में यूपीएससी का अपना पहला अटेंप्ट दिया. पहले ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 44वां हालिल किया और आईपीएस बने. इन चारों भाई-बहन की सफलता सभी के लिए प्रेरणा है. 

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