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Success Story: हादसे ने छीन लिए दोनों हाथ, लेकिन हौसले से पाया मनचाहा मुकाम, पैरों से दिया पेपर, ऐसे बने सरकारी अफसर

Inspirational Success Story: महाराष्ट्र के वैभव पईतवार ने पैरों से MPSC परीक्षा देकर सफलता का परचम लहराया है. वो राजस्व अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए हैं. आइए आपको हौसलों से भरे उनकी जर्नी के बारे में बताते हैं.   

Success Story: हादसे ने छीन लिए दोनों हाथ, लेकिन हौसले से पाया मनचाहा मुकाम, पैरों से दिया पेपर, ऐसे बने सरकारी अफसर
Deepa Mishra|Updated: Jul 20, 2025, 11:16 AM IST
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Vaibhav Paitwar Success Story: "चुनौतियों से डरना कैसा, जब हौसलों में है जान, हर मुश्किल को पार करके, हम बनेंगे कामयाबी की मिसाल." महाराष्ट्र के नांदेड के रहने वाले वैभव पईतवार ने इस शायरी को अपनी मेहनत और जुनून के बलबूते सत्य कर के दिखाया है. उन्होंने पैरों से पेपर लिखकर महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है और राजस्व अधिकारी (Revenue Officer) के पद के लिए नियुक्त हुए हैं. चलिए हम आपको उनकी संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक जर्नी के बारे में बताते हैं. 

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दर्दनाक हादसा 
वैभव एक सामान्य परिवार से आते हैं. वो महाराष्ट्र के नांदेड के रहने वाले हैं. जो अपनी मां और भाई के साथ सिडको परिसर के गुरुवार बाजार इलाके में एक टीन के मकान में रहते हैं. उनके पिता का देहांत 10वीं कक्षा में ही हो गया था. जिसके बाद उनकी मां मजदूरी कर के किसी तरह अपने बच्चों का भरण-पोषण करती हैं. बचपन में ही वैभव के साथ एक दर्दनाक हादसा हुआ था. दरअसल, जब 2008 में वैभव 10वीं क्लास में थे, तब पतंग उड़ाते समय वो हाई वोल्टेज बिजली के तार की चपेट में आ गए थे. जिस कारण उनका दोनों हाथ पूरी तरह से झुलस कर हमेशा के लिए बेकार हो गया था. एक झटके में उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई थी, लेकिन उन्होंने अपने जज्बे के ऊपर इस हादसे के दर्द को कभी हावी नहीं होने दिया. हाथ जाने के बाद भी वैभव ने अपनी तकदीर खुद के दम पर लिखी. 

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राजस्व सहायक 
हादसे के बाद खुद को कोसने के बजाय वैभव ने पैरों से लिखने का अभ्यास शुरू किया और अपनी पढ़ाई चालू रखी. वो कड़ी मेहनत और लगन के साथ दिन में कई-कई घंटे पढ़ाई किया करते थे. वैभव के उसी मेहनत और जुनून का परिणाम रहा कि उन्होंने MPSC परीक्षा में सफलता हासिल की. वो अब मुंबई में राजस्व सहायक के रूप में काम करेंगे. वैभव के हौसले और मेहनत से हासिल की गई उनकी ये सफलता अब उन लोगों के लिए मिसाल बन गई है. जो हर दिन अपनी जिंदगी में चुनौतियों का सामना करते हुए, सपने को साकार करने के लिए लगनशील है. वैभव की सफलता इस बात का जीवंत उदाहरण है कि अगर इंसान दिमागी रूप से मजबूत है, तो शारीरिक कमी उसके सफलता में अड़चन तो ला सकता है, लेकिन सफल होने से नहीं रोक सकता. 

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