Paris Heatwave: दुनिया के अलग-अलग देशों में गर्मी का प्रकोप तेज हो गया है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से दुनियाभर का तापमान बढ़ रहा है. पिछले कुछ दशकों में तापमान में हो रही वृद्धि को स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. जहां एक ओर राजधानी दिल्ली समेत देश के अलग-अलग राज्यों में लोगों को टेंप्रेचर का टॉचर सहना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर मंगलवार, 1 जून को पश्चिमी यूरोप से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. आमतौर पर पेरिस का औसत अधिकतम तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहता है, लेकिन वहां का तापमान 40 डिग्री सिल्सियस तक पहुंच गया है. सहारन हवाओं के कारण फ्रांस समेत इटली, जर्मनी , स्विट्जरलैंड, स्पेन और पुर्तगाल के कुछ हिस्सों में तापमान में वृद्धि दर्ज हुई है. बढ़ते तापमान के कारण लोगों का गर्मी से हाल बेहाल होने लगा है.
पेरिस टॉप फ्लोर बंद
पश्चिमी यूरोप के अलग-अलग देशों में बढ़ते तापमान के इसी स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. मौसम विशेषज्ञों द्वारा लोगों को सतर्कता बरतने के साथ घर में ही रहने ही सलाह दी गई है. उन्हें खुद को ज्यादा से ज्यादा हाइड्रेट रखने को कहा गया है. राष्ट्रीय मौसम एजेंसी का कहना है कि जून में सूखी मिट्टी और वर्षा की कमी के कारण जंगल में आग लगने का भी खतरा बढ़ गया है. पेरिस का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने के कारण एफिल टॉवर के टॉप फ्लोर को गुरुवार तक बंद कर दिया गया है. वहीं, जिन लोगों ने यहां आने की पहले से बुकिंग नहीं कराई थी, उन्हें अपनी योजना कुछ समय के लिए पोस्पांड करने की सलाह दी गई है.
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हीट वेव रेड अलर्ट
पेरिस के बढ़ते तापमान को देखते हुए मेटियो-फ्रांस ने पेरिस और कई अन्य विभागों के लिए रेड अलर्ट जारी किया. वहां के लगभग 1,300 से अधिक स्कूलों को बंद कर दिया गया है. जर्मनी में भी बढ़े तापमान को देखते हुए कई जगहों पर चेतावनी जारी की गई और स्विस आल्प्स में भीषण तूफान के लिए रेड अलर्ट जारी किया. वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण गर्मियों में सामान्य तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर और अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.
यहां पड़ती है सबसे ज्यादा गर्मी
जानकारी के लिए बता दें, दुनिया में सबसे ज्यादा गर्मी डेथ वैली, कैलिफोर्निया में पड़ती है. गर्मियों में वहां का तापमान 56.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. वहीं, दुनिया का सबसे गर्म देश माली और बुर्किना फासो हैं, जिनका औसत तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस है.
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