Tally vs DFA: आज के समय में कंप्यूटर से जुड़ी स्किल्स को सीखना हर किसी के लिए जरूरी हो गया है. कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान हर किसी को आना चाहिए. हालांकि, कंप्यूटर से जुड़े कई सारे कोर्स हैं जो लोग अपनी पसंद के हिसाब से करते हैं. वहीं, कुछ ऐसे कोर्स जो अकाउंटिंग और ऑफिस वर्क के लिए काफी ज्यादा डिमांड में रहते हैं. इनमें टैली (Tally) और डीएफए (DFA) युवाओं के बीच लोकप्रिय है. आइए इस खबर में आपको बताते हैं इन दोनों कोर्स में क्या अंतर है और कौन-सा कोर्स आपके लिए ज्यादा फाएदेमंद हो सकता है.
टैली क्या है ?
टैली एक अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल बिजनेज के फाइनेंशियल फंक्शन्स को आसान बनाने के लिए किया जाता है. ये सॉफ्टवेयर बिलिंग, टैक्सेशन और लेन-देन के हिसाब में मदद करता है. इस कोर्स में जीएसटी, इनवॉइसिंग, बैंकिंग और रिपोर्ट जनरेनशन जैसी प्रैक्टिकल स्किल्स सिखाई जाती है.
डीएफए क्या है ?
डीएफए यानी की डिप्लोमा इन फाइनेंशियल अकाउंटिंग. ये एक कंप्लीट फाइनेंस और कंप्यूटर बेस्ड कोर्स हैं, जिसमें आपको अकाउंटिंग के साथ-साथ एमएस ऑफिस, टैली, इंटरनेट और बेसिक प्रोग्रामिंग की ट्रेंनिग दी जाती है.
अब जानते हैं क्या है दोनों में अंतर
टैली एक सॉफ्टवेयर है जो अकाउंटिंग कामों का आसान बनाता है. वहीं, डीएफए एक कोर्स है जो अकाउंटिंग और फाइनेंशियल मैनेजमेंट के प्रिंसिपल्स को सिखाता है. टैली से आपको अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की गहरी समझ मिलती है. ये मीडियम और स्मॉल बिजनेज में नौकरी के मौके देता है. टैली सिखने के बाद आप अकाउंटेट, टैक्स कंसल्टेंट जैसे पदों पर काम कर सकते हैं. वहीं, डीएफए कोर्स करके आप फाइनेसियल प्लानर, अकाउंटिंग हेड जैसी जिम्मेदारी संभाल सकते हैं.
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कौन सा कोर्स बेस्ट
बेस्ट कोर्स के चुनाव की बात करें तो टैली और डीएफए दोनों ही कोर्स अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर हैं. अगर आप सिर्फ अकाउंटिंग में स्पेशलाइज करना है तो टैली चुनें. वहीं, अगर आप कंप्यूटर की बेसिक से लेकर अकाउंटिंग तक की जानकारी लेना चाहते हैं तो डीएफए सेलेक्ट कर सकते है.