What is Nobel Prize: जहां एक ओर ईरान और इजरायल के बीच का युद्ध लगातार 9वें दिन भी तेज है. वहीं, दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार पाने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने नोबेल नहीं मिलने के लिए गुस्से का इजहार भी किया है. ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं कि नोबेल पुरस्कार क्या है, ये कितने प्रकार की होती है. नोबेल पुरस्कार के साथ कितनी नगद रकम दी जाती है, कब इसकी शुरुआत हुई और कैसे यह पुरस्कार मिलता है.
नोबेल पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जिसे छह अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है, जिसमें- भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), शरीर क्रिया विज्ञान या चिकित्सा (Physiology or Medicine), साहित्य (Literature), शांति (Peace) और अर्थशास्त्र (Economics) शामिल है.
नोबेल पुरस्कार देने की शुरुआत
नोबेल पुरस्कार देने की शुरुआत 1901 में अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल की मृत्यु के पांच साल बाद हुई थी. अल्फ्रेड नोबेल डायनामाइट के आविष्कारक थे, जिनके द्वारा छोड़ी गई संपत्ति से ही इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. आमतौर पर नोबेल पुरस्कार देने का कार्यक्रम 10 दिसंबर को आयोजित किया जाता है, क्योंकि इसी तारीख अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु हुई थी. उनके सम्मान में इसी दिन पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाता है.
नोबेल पुरस्कार नगद राशि
भारत में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति रवींद्रनाथ टैगोर हैं. नोबेल पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक, एक डिप्लोमा और नकद पुरस्कार शामिल होते हैं, जिसे तीन विजेताओं के बीच साझा किया जा सकता है. साल 1901 में दिए गए नोबेल पुरस्कार की नगद राशि 150,782 स्वीडिश क्रोना (SEK) थी, जो भारतीय रुपये में 13,49,898.47 होता है. वहीं, साल 2023 के लिए नोबेल पुरस्कार नगद राशि 11 मिलियन SEK थी, जो भारतीय रुपये में 8.1 करोड़ प्रति पूर्ण नोबेल पुरस्कार था.
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कैसे मिलता है नोबेल पुरस्कार?
बता दें, पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नॉमिनेट किया है. पाकिस्तान ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति में अमेरिका की भूमिका को सराहा है. हालांकि, नोबेल शांति पुरस्कार पाना आसान नहीं है. इसके लिए विजेताओं को नॉर्वेजियन नोबेल समिति (Norwegian Nobel Committee) चुनती है. नोबेल पुरस्कार के विजेता फाइनल करने की प्रक्रिया काफी लंबी होती है. कमेटी पहले नॉमिनेटेड नामों को देखती है, उसे रिव्यू करती है और फिर एक लंबे प्रोसेस के बाद विजेता तय किया जाता है.
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