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पपीते को न्यूजपेपर में लपेटकर ही क्यों बेचा जाता है? जानें इसके पीछे की अहम वजह

Interesting Fact About Papaya: आपने अक्सर देखा होगा कि बाजार में बिकने वाले पपीते अखबार में लपेटकर रखे जाते हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है. अगर नहीं, तो इस खबर में आप इसका जवाब जान सकते हैं.

पपीते को न्यूजपेपर में लपेटकर ही क्यों बेचा जाता है? जानें इसके पीछे की अहम वजह
chetan sharma|Updated: May 26, 2025, 08:01 AM IST
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Interesting Fact About Papaya: आपने अक्सर देखा होगा कि बाजार में बिकने वाले पपीते अखबार में लपेटकर रखे जाते हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है. अगर नहीं, तो इस खबर में आप इसका जवाब जान सकते हैं.

दरअसल, पपीते को न्यूजपेपर में लपेटने के पीछे कई साइंटिफिक कारण हैं, जिन्हें नीचे एक-एक करके समझाया गया है.

1. एथिलीन गैस: कई अन्य फलों की तरह पपीता, एथिलीन (Ethylene) नामक एक प्राकृतिक गैस छोड़ता है. यह गैस उसके पकने में अहम भूमिका निभाती है. यह गैस एंजाइमों को ट्रिगर करती है, जो स्टार्च को शुगर में ब्रेक करती है, फल को नरम करती है और उसका स्वाद बढ़ाती है.

2. एथिलीन को फंसाना: जब आप पपीते को कागज (खासकर अंग्रेजी अखबार) में लपेटते हैं, तो फल से निकलने वाली एथिलीन गैस बंद जगह में फंस जाती है और एथिलीन का यह कंसंट्रेशन पपीते के पकने की प्रक्रिया को तेज कर देता है.

3. कागज बनाम प्लास्टिक: प्लास्टिक के स्थान पर कागज का चुनाव ज्यादा जरूरी है, क्योंकि कागज एयर एक्सचेंज की अनुमति देता है और एक्सट्रा नमी को बढ़ने से रोकता है. वहीं, दूसरी ओर, प्लास्टिक नमी को फंसा कर रखता, जिससे उसकी बनावट चिपचिपी और फफूंदयुक्त हो सकती है. इसलिए, पेपर का उपयोग करना या अखबार में लपेटना ज्यादा बेहतर होता है.

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4. पकने का समय: पपीता शुरू में कितना हरा था, इसके आधार पर, इसे पेपर बैग या अखबार में रखने से यह दो से तीन दिनों के भीतर आसानी से पक जाता है.

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