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वाह भाई सलमान खुर्शीद! सीट शेयरिंग का जिम्मा मिला.. अपनी ही सीट के लिए बगावत कर बैठे

Salman Khurshid: ये वही सलमान खुर्शीद जो फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से पिछली दो बार से हार रहे हैं और उनकी जमानत भी नहीं बच पा रही. अब उन्होंने मोर्चा खोल दिया, जबकि सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की तरफ से उन्हें जिम्मा भी दिया गया था.

वाह भाई सलमान खुर्शीद! सीट शेयरिंग का जिम्मा मिला.. अपनी ही सीट के लिए बगावत कर बैठे
Gaurav Pandey|Updated: Feb 23, 2024, 11:07 PM IST
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India Alliance: एक तरफ कांग्रेस किसी तरह इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी को मनाकर सीट शयेरिंग के फार्मूले पर लगी हुई है तो वहीं उसके ही दिग्गज बार-बार नाराज हो रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस के पुराने नेता सलमान खुर्शीद बगावत पर उतर आए हैं. असल में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद इस बात से नाराज हैं कि जिस फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से वह चुनाव लड़ते हैं, उसे सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत इंडिया गठबंधन के अन्य साथियों को दे दी है. 

खुर्शीद ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि फर्रुखाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं पर हमारे सब के मुस्तकाबिल का है, आने वाली नस्लों का है. किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं. टूट सकता हूं , झुकूंगा नहीं. तुम साथ देनेका वादा करो, मैं नगमें सुनाता रहूं.

दरअसल, सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह मेरे साथ विश्वासघात है. उनका मानना है कि फर्रुखाबाद उनका घर है और वे ही इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए दृढ़ हैं. जबकि इस सीट से सलमान खुर्शीद दो बार से हार रहे हैं. उनकी जमानत जब्त हो रही है. इस बार यह सीट कांग्रेस ने नहीं ली है और गठबंधन फार्मूले के तहत इंडिया गठबंधन को दे दी गई है. 

कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया सहित 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी. फिलहाल सलमान खुर्शीद नाराज हो गए हैं क्योंकि इस लिस्ट में उनकी सीट नहीं है. ये वही सलमान खुर्शीद जो फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से पिछली दो बार से हार रहे हैं और उनकी जमानत भी नहीं बच पा रही. अब उन्होंने मोर्चा खोल दिया जबकि सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की तरफ से उन्हें जिम्मा भी दिया गया था. 

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