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Ram Mohan Naidu: मोदी कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री बनकर तोड़ेंगे अपने पिता का रिकॉर्ड, जानिए कौन हैं राम मोहन नायडू

PM Modi Cabinet Oath Ceremony: देश में लगातार तीसरी बार सरकार बना रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री के रूप में राम मोहन नायडू किंजरापु के शामिल होने की चर्चा होने लगी है. चंद्रबाबू नायडू के बेहद करीबी राम मोहन नायडू नई भले ही मोदी कैबिनेट में अब तक के सबसे कम उम्र के साथी होंगे, लेकिन वह तीसरी बार के सांसद हैं.

Ram Mohan Naidu: मोदी कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री बनकर तोड़ेंगे अपने पिता का रिकॉर्ड, जानिए कौन हैं राम मोहन नायडू
Keshav Kumar|Updated: Jun 09, 2024, 02:37 PM IST
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Kinjarapu Ram Mohan Naidu: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बन रही है. मोदी 3 सरकार की रविवार शाम हो रहे शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रियों के नाम सुर्खियों में शामिल हैं. इनमें सबसे कम उम्र के मंत्री के रूप में सहयोगी दल टीडीपी के तीसरी बार के सांसद राम मोहन नायडू शपथ ले सकते हैं. 

नई मोदी सरकार में तेलुगु देशम पार्टी के कोटे से दो मंत्री

जानकारी के मुताबिक, नई मोदी सरकार में तेलुगु देशम पार्टी के कोटे से दो सांसद मंत्री बनेंगे. टीडीपी की ओर से आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार चुनकर आए राम मोहन नायडू किंजरापु कैबिनेट मंत्री और चंद्रशेखर पेम्मासानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ लेंगे. महज 36 साल के युवा राम मोहन नायडू मोदी सरकार के अब तक के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री होंगे. आइए, इनके बारे में और विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं. 

दिल्ली के बाद अमेरिका और आईलैंड से ऊंची प्रोफेशनल डिग्री 

माय नेता और सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीडीपी नेता येरन नायडू के बेटे किंजरापु राम मोहन नायडू का जन्म  18 दिसंबर, 1987 को निम्माडा में हुआ था. राम मोहन नायडू को सार्वजनिक सेवा और राजनीति विरासत में मिली है. देस की राजधानी दिल्ली के आरकेपुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से शुरुआती पढ़ाई के बाद राम मोहन नायडू ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.

पिता के निधन के बाद सिंगापुर से लौटकर की राजनीति में एंट्री

इसके बाद राम मोहन नायडू ने लॉन्ग आईलैंड से एमबीए की पढ़ाई भी की. पढ़ाई के बाद सिंगापुर में करियर बनाने की शुरुआत करते ही साल 2012 में एक कार एक्सीडेंट में उनके पिता का असामयिक निधन हो गया. इसके बाद राम मोहन नायडू राजनीति में आए और लोकसभा चुनाव 2014 में 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से पहली बार सांसद चुने गए. 16वीं लोकसभा में वह दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद बने थे. 2019 में भी जनता ने उन्हें चुनकर संसद में भेजा था.

चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली में खोला मोर्चा 

लोकसभा चुनाव 2024 में तीसरी बार सांसद चुने गए राम मोहन नायडू को उनके पिता येरन नायडू की तरह ही टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का बेहद करीबी माना जाता है. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद पार्टी के मुश्किल वक्त में राम मोहन नायडू ने दिल्ली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश के साथ मिलकर राम मोहन ने गिरफ्तारी के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ी. 

अलग-अलग राजनीतिक दलों में बनाए अपने संपर्क का बेहतर इस्तेमाल

राम मोहन नायडू ने दिल्ली में नौ साल में अलग-अलग राजनीतिक दलों में बनाए अपने संपर्क का बेहतर इस्तेमाल किया. टीडीपी प्रमुख की गिरफ्तारी के खिलाफ नारा लोकेश के साथ मिलकर उन्होंने राजनीतिक मोर्चा बनाया. दिल्ली की सभी यात्राओं में चंद्रबाबू के साथ रहने की जिम्मेदारी संभालने वाले रम मोहन नायडू जो राष्ट्रीय राजनीति की जटिलताओं का काफी अनुभव ले चुके हैं. 

अपने पिता का रिकॉर्ड तोड़ने वाले हैं संसद रत्न राम मोहन नायडू

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राम मोहन नायडू कृषि, पशुपालन, रेलवे, गृह मामलों, पर्यटन एवं संस्कृति समेत कई संसद की कई समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं. उन्हें साल 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. राम मोहन नायडू के पिता येरन नायडू साल 1996 में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे. अब 2024 में राम मोहन नायडू एनडीए गठबंधन में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री बनकर उनका रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार हैं.

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संसद के बजट सत्र से ली पैटर्निटी लीव, यौन शिक्षा पर चलाया अभियान 

साल 2017 में राम मोहन नायडू ने श्री श्रव्या से शादी है. 2021 में दंपति एक बच्ची के माता-पिता बने. खुद को पारिवारिक शख्स मानने वाले राम मोहन नायडू राजनीति में भी रूढ़िवादिता को तोड़ते दिखते हैं. पत्नी की गर्भावस्था के दौरान 2021 के बजट सत्र से पैटर्निटी लीव लेने के उनके फैसले ने लैंगिक अधिकारों और शिक्षा पर स्वस्थ बहस को बढ़ावा दिया था. वह संसद में मासिक धर्म के समय स्वास्थ्य समेत यौन शिक्षा की वकालत करने वाले पहले सांसदों में शामिल हैं. राम मोहन नायडू ने सैनिटरी पैड पर जीएसटी हटाने के लिए अभियान भी चलाया था.  

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