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MSME सेक्टर को मिला पतंजलि का साथ, स्वदेशी बिजनेस को मिल रही नई उड़ान

पतंजलि ने हाल के सालों में MSME को नई ताकत दी है और लोकल एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ने का मौका दिया है. हां, लेकिन सबसे सवाल जो लोगों के दिमाग में आता है कि आखिर पतंजलि किस प्रकार से MSME को सपोर्ट करता है और लोकल एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दे रहा है?

MSME सेक्टर को मिला पतंजलि का साथ, स्वदेशी बिजनेस को मिल रही नई उड़ान
Zee News Desk|Updated: May 08, 2025, 01:12 PM IST
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जब भी हम पतंजलि का नाम सुनने में आता है तो सबसे पहले दिमाग में आयुर्वेद और स्वदेशी प्रोडक्ट जैसे ख्याल आते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पतंजलि सिर्फ एक आयुर्वेदिक कंपनी नहीं है. ये तो अब एक बड़ा आंदोलन बन चुका है, जो देश की इकोनॉमी को बेहतर करने का काम कर रही हैं.

पतंजलि आज के समय में इंडियन मार्केट का एक बड़ा नाम बन चुका है, जो स्वदेशी प्रोडक्ट को प्रमोट करने और आयुर्वेद को आम जनता तक पहुंचाने में अहम रोल निभा रहा हैं. पतंजलि न सिर्फ अपने उत्पादों के लिए जाना जाता है, बल्कि यह छोटे और मध्यम इंडस्ट्री (MSME) को सपोर्ट देकर लोकल इकोनॉमी को मजबूत करने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. पतंजलि ने हाल के सालों में MSME को नई ताकत दी है और लोकल एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ने का मौका दिया है.

हां, लेकिन सबसे सवाल जो लोगों के दिमाग में आता है कि आखिर पतंजलि किस प्रकार से MSME को सपोर्ट करता है और लोकल एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दे रहा है?
 
स्वदेशी प्रोडक्ट्स से देश की इकोनॉमी हुई बेहतर

इंडियन मार्केट की टॉप FMCG कंपनियों में से एक पतंजलि न सिर्फ हर्बल और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट के लिए फेमस है, साथ ही कंपनी देश की इकोनॉमी को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है. पतंजलि ने अपने अनोखे बिजनेस मॉडल, प्राइसिंग पॉलिसी और स्वदेशी प्रोडक्ट के जरिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग, MSME और एंटरप्रेन्योरशिप को फिर से नया जीवन दिया है.

स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की लीडरशिप में पतंजलि ने न सिर्फ विदेशी कंपनियों को खूब टक्कर दी हैं. इसके साथ ही इंडियन भारतीय कंज्यूमर को सस्ते और नेचुरल प्रोडक्ट के ऑप्शन भी दिए। इससे न केवल बाहर के देशों से आने वाले सामान पर निर्भरता कम हुई और बल्कि देश के बिजनेस बैलेसिंग में भी सुधार हुआ है.

पतंजलि ने स्मॉल इंडस्ट्रीज और स्टार्टअप्स को दिया बड़ा मंच

अगर MSME सेक्टर की बात करें तो पतंजलि ने कई छोटे और मध्यम उद्यमों के साथ पार्टनरशिप करके उन्हें एक बड़ा प्लेटफॉर्म दिया है. इससे लोकल एंटरप्रेन्योर को न केवल मार्केट मिला, साथ ही टेक्निकल मदद, ब्रांड के लिए सपोर्ट और डिस्ट्रीब्यूशन का भी सपोर्ट मिला. पतंजलि का यह मॉडल 'मेक इन इंडिया’ कैंपेन को डायरेक्ट सपोर्ट करता है. इसके साथ ही कंपनी 30 से ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट का निर्यात कर रही है, जिससे भारत को ग्लोबल लेवल पर पहचान मिल रही हैं.

प्रॉफिट से ज्यादा देशसेवा पर भरोसा करती है पतंजलि

पतंजलि का फोकस सिर्फ ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट पर ही नहीं है. बल्कि वह अपने प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा एजुकेशन, हेल्थकेयर और रिसर्च में इन्वेस्ट करती है. जिस वजह से पतंजलि सामाजिक रूप से एक जिम्मेदार कंपनी भी है. कई निजी कंपनियां जहां बस प्रॉफिट बढ़ाने के पीछे भागा करती हैं. वहीं पतंजलि का उद्देश्य कमाई नहीं बल्कि समाज और देश को बेहतर बनाना है. लोकल एंटरप्रेन्योरशिप, देसी प्रोडक्ट्स और छोटे उद्योगों (MSME) को बढ़ावा देकर पतंजलि ने देश की इकोनॉमी को मजबूत किया है. इसलिए पतंजलि सिर्फ एक कंपनी नहीं रही, ये अब एक ऐसा आंदोलन बन गई  है जो देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार आगे आगे बढ़ रही है.

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