Patanjali: स्वामी रामदेव, जिन्हें आमतौर पर 'बाबा रामदेव' के नाम से जाना जाता है. आज के समय में हर कोई जानता है. जब भी योग की बात होती है, उनका नाम अपने आप जुड़ जाता है. वो बहुत ही साधारण फैमिली से आते हैं, लेकिन अपने मजबूत इरादों और मेहनत से उन्होंने पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना ली है.
बाबा रामदेव ने योग को एक तरह से पूरी दुनिया में फैला दिया है. उनकी कहानी सिर्फ एक योग सिखाने वाले इंसान की नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स की है जो अब दुनियाभर में जाना जाता है.
उन्होंने अपनी आसान भाषा, काम की बातें और पॉजिटिव सोच से करोड़ों लोगों की जिंदगी में अच्छे से बदला है. यहीं वजह है कि लोग उनके जीवन से बहुत कुछ सीख भी रहे हैं. इसलिए आइए जानते है कि बाबा रामदेव रामदेव के ग्लोबल सफर से कौन-कौन से जीवन के सबक सीखे जा सकते हैं?
सिंपल टेक्निक से लोगों योग सिखाना
बाबा रामदेव की सबसे बड़ी सक्सेस ये रही कि उन्होंने योग जैसे पुराने और गहरे ज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाया. उन्होंने योग को इतना आसान बना दिया कि हर कोई, उम्र का या किसी भी जगह से हो, उसे कर सके और फायदा उठा सके. बाबा रामदेव ने कपालभाति, अनुलोम-विलोम और प्राणायाम जैसे योग के तरीकों को बड़े आसान टेक्निक में समझाया, जिससे लोग इन्हें आराम से सीख पाए और रोज अपने जीवन में अपना पाए. ये एक्सरसाइज रोज करने से अच्छे रिजल्ट मिलते हैं.
उनकी टीचिंग स्टाइल बहुत ही प्रैक्टिकल है. वो सीधे मुश्किल योगासन या भारी-भरकम मुद्राओं से शुरुआत नहीं करते थे, बल्कि आसान चीजों से शुरुआत करवाते है, जिसे हर कोई कर सके. उनसे हमें ये सीख मिलती है कि जिंदगी की कोई भी बड़ी चीज अगर आसान तरीके से समझाई जाए तो वो ज्यादा लोगों तक पहुंचती है. और कोई भी बड़ा उद्देश्य छोटे-छोटे आसान स्टेप्स में बांटकर पूरा किया जा सकता है.
सभी के लिए योग मैसेज
बाबा रामदेव का मानना है कि योग सिर्फ फिटनेस के शौकीनों के लिए नहीं, बल्कि हर किसी के लिए है. उन्होंने हमेशा कहा कि बच्चे, बूढ़े, स्ट्रेस से परेशान चल रहे वर्कर और घर पर रहने वाली माताएं, सभी को हर रोज सुबह उनके साथ योग में शामिल होना चाहिए और अपने हेल्थ के लिए थोड़ा टाइम निकालना चाहिए.
इसके साथ ही वह हिंदी में योग सिखाते है, ऐसी आम बोल चाल की भाषा में जो आम लोगों को समझ में आए. यहां से हम सीखते हैं कि अपने मैसेज को इफेक्टिव बनाने के लिए ऑडियंस की भाषा और संस्कृति के प्रति संवेदनशील होना कितना जरूरी है.
किसी को अपना आइडल जरूर बनाओ
बाबा रामदेव कहते है कि किसी को अपना आइडल मानो. उनका मानना है कि हमें अपने जीवन में किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जिससे हमें आगे बढ़ने का मोटिवेशन मिल सके. जब वह काम पर एक लंबे दिन के बाद घर आते थे. तो वह अपने आदर्शों की तस्वीरों को देखते हैं.
इसके अलावा बाब रामदेव हमेशा पॉजीटिव सोचने पर ध्यान देते हैं.
उनका मानना है कि जो सोचना है वही सोचना है - नेगेटिव सोचना ही नहीं, पॉजिटिव, क्रिएटिव और इनोवेटिव सोचना है. वे सिखाते हैं कि बुराई में भी अच्छाई और हारने में भी जीत देखनी चाहिए. हर चीज में, हर तत्व में हम अच्छा ही ढूंढ सकते हैं. यही नजरिया हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक शक्तिशाली मानसिकता देता है.