भारत की टॉप स्वदेशी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने अपने नए पैकेजिंग डिजाइन और पर्यावरण के अनुकूल पहल के साथ इंडियन FMCG मार्केट में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. पतंजलि अपने प्रोडक्ट की पैकेजिंग ऐसे तरीके से करती है जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो. वो नेचुरल चीजों से बनी पैकेजिंग का इस्तेमाल करते हैं. जो इस्तेमाल के बाद खुद ही डीकंपोज हो जाती है. साथ ही उनकी पैकेजिंग दिखने में भी अच्छी और मॉडर्न होती है. इस तरह पतंजलि ने FMCG सेक्टर में एक नई और सस्टेनेबल दिशा दिखाने का काम किया है. इसलिए आइए समझते है कि पतंजलि की पैकेजिंग को FMCG इंडस्ट्री के लिए सस्टेनेबल मॉडल क्यों माना जाता है?
पतंजलि का न्यू पैकेजिंग डिजाइन
पतंजलि ने अपने पैकेजिंग डिजाइन को एक नया रूप दिया है, जिसे 'न्यू एज डिजाइन' कहा जाता है. इस नए डिजाइन का उद्देश्य है कि पतंजलि की इमेज को मॉडर्न लुक दिया जा सके और प्रोडक्ट को शॉप्स की शेल्फ पर ज्यादा अट्रैक्टिव बनाया जाए. पतंजलि का नया डिजाइन युवा ग्राहकों को अट्रैक्ट करने के लिए है. लेकिन साथ ही वे अपने पारंपरिक मूल्यों और नेचुरल प्रोडक्ट्स की पहचान को भी बनाए रखना चाहते है.
पतंजलि के नए पैकेजिंग में मिट्टी के रंगों और सिंपल, साफ ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है, जो एक्यूरेसी और वेलनेस का संकेत देता है. इससे ग्राहकों को यह महसूस होता है कि प्रोडक्ट नेचुरली और शुद्ध हैं. इसके साथ ही पतंजलि के सभी प्रोडक्ट केमिकल-फ्री हैं और सिर्फ प्राकृतिक चीजों से बनाए गए हैं. इस बात को नए पैकेजिंग डिजाइन में भी दिखाया गया है.
इको-फ्रेंडली पैकेजिंग
पतंजलि ने अपने इंडस्ट्रियल सेक्टर में पर्यावरण की तरफ एक अच्छा स्टेप लिया है. अब वो अपने सभी प्रोडक्ट्स को बायोडिग्रेडेबल और रिसाइकिल होने वाली पैकिंग में देने की कोशिश कर रहा है. क्योंकि फैक्ट्रियों में जो पैकिंग होती है, वो प्लास्टिक या ऐसे सामान से होती है जो आसानी से मिट्टी में नहीं गलते और हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. लेकिन पतंजलि अब कंपोस्ट होने वाली पैकिंग, पेपर से बनी चीजें और बायोप्लास्टिक जैसे ऑप्शनों पर ध्यान दे रहा है, जिससे उसका कार्बन फुटप्रिंट यानी पर्यावरण पर बुरा असर कम हो सके.
इसके अलावा, पतंजलि की जो प्रीमियम क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स हैं, उन्हें पूरी तरह रिसाइकिल किए गए सामान से बनाया गया है और बांस के डिब्बों में पैक किया गया है. बांस एक ऐसा पेड़ है जो जल्दी बढ़ता है और काफी मजबूत भी होता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. इस तरह की पहल से न सिर्फ धरती को फायदा मिलता है, बल्कि वो लोग भी पतंजलि की तरफ खिंचेंगे जो पर्यावरण को लेकर जागरूक हैं.
FMCG इंडस्ट्री के लिए पतंजलि मॉडल के फायदे
आज के समय में ग्राहक पर्यावरण के प्रति ज्यादा जागरूक हो गए हैं और वे ऐसी कंपनियों को पसंद करते हैं जो पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार हैं. पतंजलि का पैकेजिंग मॉडल इस बदलती हुई मांग पर फिट बैठता है. पतंजलि जैसे आजकल, नेचुरल चीजों की ओर जाना एक बढ़ता हुआ ट्रेंड है. इससे ग्राहकों को यह लगता है कि वे अच्छा काम कर रहे हैं और पर्यावरण को बचाने में मदद कर रहे हैं.
इसके साथ ही पतंजलि का नया पैकेजिंग डिजाइन उसकी ब्रांड इमेज को बेहतर बनाने में मदद करता है. लोग पतंजलि को एक नवीन, पर्यावरण के अनुकूल और ईमानदार कंपनी के रूप में देखते हैं. यह इमेज FMCG मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.