पतंजलि आयुर्वेद ने इंडियन FMCG मार्केट में तहलका मचा दिया हैं. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा शुरू की गई इस कंपनी ने आयुर्वेदिक और स्वदेशी प्रोडक्ट के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई है. शुरुआती दौर में एक छोटी फार्मेसी से शुरू हुई कंपनी आज के समय में यह विदेश की दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। कम कीमतों, स्वदेशी अपील, और नेचुरल प्रोडक्ट्स की स्ट्रैटिजी के साथ, पतंजलि न सिर्फ मार्केट में सक्सेस हुई है. इसके साथ ही कंपनी ने इंडियन कंज्यूमर की सोच को भी बदल कर रख दिया हैं.
पतंजलि के सक्सेसफुल होने की एक बड़ी वजह हैं कि ये भारतीय परंपराओं और कल्चर को फॉलो करती है. साथ ही, पतंजलि अपने प्रोडक्ट को देश के हर कोने तक पहुंचाने की प्लेनिंग भी बहुत बढ़िया है. पतंजलि का बिजनेस मॉडल 'आत्मनिर्भर भारत' और 'स्वदेशी प्रोडक्ट' पर टिका हुआ है, जो लोगों को बहुत पसंद आता है. यही वजह है कि पतंजलि आज FMCG की दुनिया में एक बड़ा नाम बन चुकी हैं.
हां, लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही आता हैं. पतंजलि का बिजनेस मॉडल कैसे एक सक्सेसफुल 'स्वदेशी इनोवेशन' की मिसाल बन गया?
पतंजलि का बिजनेस मॉडल
पतंजलि के बिजनेस मॉडल की सबसे बड़ी खासियत है कि वो लोगों के इमोशन और जरूरतों को समझते हैं और उन्हें कम दामों पर अच्छे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स देते हैं. पतंजलि ने अपनी सप्लाई चेन को बेहद ही सिंपल सा बनाया है, जो बिल्कुल कॉस्ट इफेक्टिव भी होता है. जो सेविंग्स वह ग्राहकों को फायदा देने में लगाते हैं. पतंजलि के बिजनेस मॉडल का एक अहम पहलू इसका स्ट्रांग डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है. जिसका मतलब है कि पतंजलि के प्रोडक्ट कई तरह से लोगों के पास पहुंचते हैं. जिसमें उनके खुद के एक्सक्लूसिव रिटेल आउटलेट, फ्रैंचाइज स्टोर, जनरल स्टोर और बड़े-बड़े सुपरमार्केट. इस वजह से पतंजलि शहरों के साथ-साथ गांवों तक भी पहुंच गया है.
लोग पतंजलि पर खूब भरोसा करते हैं, क्योंकि वो हेल्दी लाइफस्टाइल, आयुर्वेद और भारतीय परंपरा की बात करते है. इसी भरोसे और अच्छे नेटवर्क की वजह से पतंजलि ने मार्केट में अलग पहचान बना पाया है. पतंजलि लगातार कुछ नया करता है और आगे बढ़ता जा रहा है. इसका बिजनेस मॉडल बहुत सी कंपनियों के लिए एक मिसाल बन गया है.
पतंजलि की मार्केटिंग का तरीका
पतंजलि अपने प्रोडक्ट्स को हिस्टोरिकल और सांस्कृतिक रूप से स्वदेशी के रूप में मार्केट करती है और अपने व्यापक स्वदेशी कैंपेन के जरिए भारतीय उपभोक्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचती है. कंपनी खुद को एक ऐसे ब्रांड के रूप में पेश करती है जो पूरी तरह से भारतीय है. वे अपने प्रोडक्ट्स को नेचुरल बताते हैं, जिनमें सिंथेटिक और आर्टिफिशियल इंग्रीडिएंट्स नहीं होते.
भारतीय मार्केट में अभी भी सांस्कृतिक रूप से जुड़े प्रोडक्ट्स के लिए एक प्यार है और पतंजलि इस बात का पूरा फायदा उठाती है. इसके साथ ही पतंजलि के ब्रांड एंबेसडर और को-फाउंडर बाबा रामदेव ने कंपनी के लिए एक मजबूत ब्रांड इमेज बनाई है. उनकी योग से जुड़ी पॉपुलैरिटी और विश्वसनीयता ने कंपनी को एक टॉप-ऑफ-माइंड रिकॉल दिया है.
डायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन प्लानिंग और प्रोडक्ट्स की कम प्राइसिंग
पतंजलि के बिजनेस मॉडल का एक शानदार पहलू इसकी डायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन प्लानिंग है. किसी इंटेर्मेडीरी और डिस्ट्रीब्यूटर्स पर निर्भर रहने के बजाय, पतंजलि अपने प्रोडक्ट्स डायरेक्ट कंज्यूमर्स को बेचती है. यह नीति न सिर्फ कंपनी के लिए कॉस्ट-इफेक्टिव है, बल्कि इससे ग्राहकों को भी सस्ते दामों पर प्रोडक्ट्स मिलते हैं.
पतंजलि की एक और खास बात जो उन्हें लोगों का पसंदीदा ब्रांड बनाती हैं कि इनके प्रोडक्ट की लो प्राइसिंग, पतंजलि के प्रोडक्ट्स अपनी कंपटीशन के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं. कंपनी कच्चे माल को सीधे किसानों से खरीदती है, जिससे इंटेर्मेडीरी की जरूरत नहीं पड़ती. इसके अलावा, पतंजलि के मार्केटिंग खर्च और ओवरहेड कॉस्ट भी अपने कॉम्पिटिव कंपनियों के मुकाबले कम हैं, जिससे वे बहुत कम कीमत पर प्रोडक्ट्स बना पाते हैं. भारत की बड़ी आबादी, खासकर मिडिल क्लास, प्राइस सेंसिटिव है और रीजनेबल रेट्स पर क्वालिटी प्रोडक्ट्स की तलाश करती है और पतंजलि ने इस मानसिकता का फायदा उठाने के लिए एक स्ट्रैटेजी डेवलप की है.