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14 लोगों ने वर्षों तक बनाया हवस का शिकार, अब हो गई 8 महीने की गर्भवती, रुला देगी नाबालिग की कहानी

Crime News: आंध्र प्रदेश से एक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक 15 साल की लड़की के साथ दो सालों में 14 लोगों ने गैंगरेप किया. जिसकी वजह से वो 8 महीने की प्रेग्नेंट भी हो गई है.

14 लोगों ने वर्षों तक बनाया हवस का शिकार, अब हो गई 8 महीने की गर्भवती, रुला देगी नाबालिग की कहानी
Abhinaw Tripathi |Updated: Jun 20, 2025, 05:33 PM IST
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Andhra Pradesh News: एक तरफ जहां सरकार की कोशिश है कि रेप जैसी घटनाएं देश के किसी भी हिस्से से सामने न आए वहीं दूसरी तरफ कभी- कभी कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं जो लोगों को अंदर तक झकझोर देते हैं. आंध्र प्रदेश से भी एक ऐसा ही दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे, आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि लोग इतने जाहिल कैसे हो सकते हैं? यहां पर एक 15 साल की लड़की के साथ बीते दो सालों में 14 लोगों ने गैंगरेप किया और वो 8 महीने की प्रेग्नेंट भी हो गई है. उसका इलाज चल रहा है, पुलिस जांच भी कर रही है. लोगों ने इस जघन्य कृत्य को कैसे अंजाम दिया आइए जानते हैं विस्तार के साथ. 

क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक जब लड़की स्कूल से लौट रही थी तो एक आरोपी ने दो छात्राओं की तस्वीरें खींची. इसके बाद इसे वायरल करने की धमकी देकर आरोपियों ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया और वीडियो बनाए. इस वीडियो की आड़ में लगातार ब्लैकमेलिंग चलती रही और फिर लड़की का सामूहिक शोषण किया जाता रहा. 

17 लोगों की हुई गिरफ्तार
वारदात के बाद कुल 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इसमें से 14 लोग रेप में प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे जबकि 3 लोगों को यह बात पता थी लेकिन उन्हें चुप रहने के लिए दोषी पाया गया. आरोपियों में से 3 नाबालिग भी हैं बाकि लोगों की उम्र 18 साल से 51 साल के बीच में है. इन आरोपियों के खिलाफ पास्को एक्ट, आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. 

सामाजिक स्थिति की वजह से हुआ ये हाल
इसे लेकर अधिकारियों ने कहा कि मामला तब सामने आया जब बोया समुदाय के लोगों ने उसकी जबरन शादी इसलिए करवाना चाही ताकि मामला खत्म हो जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लड़की पर ऐसी क्रूरता और बर्बरता दिखाई गई है कि वह मानसिक अवसाद से पूरी तरह से जूझ रही है. उसकी डिलीवरी 21 जुलाई के बाद संभावित है. तब तक उसे इलाज के लिए अस्पताल में ही रखा जाएगा. उसको वापस गांव भेजना खतरे से खाली नहीं है. वहीं जांच का नेतृत्व कर रहीं पुलिस अधीक्षक वी रत्ना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि लड़की की उम्र, सामाजिक स्थिति और जाति ने उसे पूरी तरह से असुरक्षित बना दिया है. नाबालिग की हालत जानने के लिए न कभी टीचर, न कोई स्वास्थ्य कार्यकर्ता और न ही महिला स्वयंसेविका जहमत नहीं उठाई जिसकी वजह से वो इस स्थिति में पहुंच गई है. 

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