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Crime News: नशे के सौदागरों पर शिकंजा, केमिस्ट की आड़ में काला काम, ग्रेटर नोएडा में बना रखा था लैब

दिल्ली और एनसीआर के शहर ड्रग्स की चपेट में आ रहे हैं. हाल ही में दिल्ली पुलिस के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो केमिस्ट की आड़ में मेथाफेटामाइन यानी मेथ नाम का ड्रग्स बनाते थे. यही नहीं छात्रों और प्राइवेट फर्म्स के कर्मचारियों को सप्लाई किया करते थे.

Crime News: नशे के सौदागरों पर शिकंजा, केमिस्ट की आड़ में काला काम, ग्रेटर नोएडा में बना रखा था लैब
Lalit Rai|Updated: Jan 31, 2024, 11:42 AM IST
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वो दवा के नाम पर ड्रग्स बनाते थे और उसकी सप्लाई करते थे. पकड़े जाने से पहले इलाके के लोग समझते थे कि वे केमिस्ट हैं. दरअसल वो दोनों आरोपी लोगों से यही कहा करते थे कि वो दवा बनाते हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया तो असलियत सामने आ गई. तथाकथित दो आरोपियों ने ग्रेटर नोएडा कि एक सोसायटी में लैब खोला था जहां वो मेथमफेटामाइन यानी मेथ नाम का ड्रग्स बनाते थे.  दिल्ली पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से दो का नामर एजेल्बे एमेका चीबुजो अका इको और इवो ओसिता है ये दोनों ड्रग्स मैन्युफैक्चर थे. जबकि एजे उचेना जेम्स और अलित्मोफेडी शेड्रेक सप्लायर थे. 

ग्रेटर नोएडा में बनाई लैब

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के अलिस्टोनिया एस्टेट को इन्होंने अपना ठिकाना बनाया था. पुलिस का कहना है कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध केमिकल्स जैसे श्यूडोपहेड्रिन और अलग अलग सामान जैसे हीटिंग मैंटल्स, अलग अलग आकार वाले बीकर के जरिए वो ड्रग के कारोबार में शामिल थे. मेथमफेटामाइन यानी मेथ को बनाने के लिए वो घंटों तक लैब में काम करते थे. 
 
इस तरह हुआ भंडाफोड़

डीसीपी द्वारका अंकित सिंह के मुताबिक हाल ही में अफ्रीकी मूल के चार लोगों की मेथ के साथ गिरफ्तारी हुई थी. इसमें से तीन इसी तरह के मामलों में जमानत पर जेल से बाहर हैं. जांच में पता चला कि इको को छोड़कर तीन अपराधियों को पहले से ड्रग्स के एक मामले में हरियाणा की एक अदालत ने 10 साल की सजा और एक लाख फाइन की सजा सुनाई थी. हालांकि पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट से वो जमानत पर बाहर हैं. जेल से बाहर आने के बाद एक बार फिर से वो ड्रग्स के कारोबार में शामिल हो गए. 

दिल्ली पुलिस का कहना है कि तकनीकी और ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद से अभियान को चलाया गया था. पुख्ता जानकारी मिलने के बाद गिरोह पर कार्रवाई की गई. ऑपरेशन के दौरान सबसे पहले एजे उचेना जेम्स की गिरफ्तारी की गई. उसके पास से बड़ी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी भी की गई. जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया गया और यह पता चला कि इसमें अफ्रीकी मूल का अलितोमोलफेडी शेड्रेक भी शामिल है. शेड्रेक को दूसरे आरोपी जेम्स के साथ स्पॉट किया गया था. ये दोनों छात्रों, प्राइवेट फर्म्स में काम करने वाले लोगों मेथ की सप्लाई करते थे. 11 जनवरी को शेड्रेक की गिरफ्तारी 100 ग्राम ड्रग्स के साथ  उत्तम नगर इलाके से हुई थी.    

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