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एड्स की बीमारी और कर्ज से परेशान भाई को कंबल ओढाकर मार डाला, रक्षाबंधन से पहले बहन ने दिखाया खौफनाक चेहरा

HIV AIDS: एचआईवी ए़ड्स (Acquired immunodeficiency syndrome ) पॉजिटिव मरीज की इस्तेमाल की हुई सुई यानी सीरिंज का किसी और पर इस्तेमाल करने से एड्स हो सकता है. वहीं संक्रमित का खून चढ़ने से भी एड्स हो जाता है. टैटू बनवाने में हमेशा नई नीडिल का इस्तेमाल करना चाहिए, भारत में कई लोगों को एड्स टैटू की सुई से भी हुआ है.

चित्रदुर्गा पुलिस (फाइल फोटो)
चित्रदुर्गा पुलिस (फाइल फोटो)
Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 28, 2025, 06:18 PM IST
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कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले में रिश्तों के खून का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एचआईवी बीमारी को कलंक मानने की वजह से एक 23 साल के युवक की हत्या उसके रिश्तेदारों ने कर दी. मृतक मल्लिकार्जुन चित्रदुर्ग जिले के दुम्मी गांव का निवासी था, जिसकी बहन और बहनोई ने कथित तौर पर परिवार की इज्जत बचाने के नाम पर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले में उसकी बहन निशा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसका पति मंजूनाथ फरार है.

गला घोटकर हत्या

जांच के अनुसार, आरोपियों ने मल्लिकार्जुन के एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चलने पर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. उन्हें कथित तौर पर डर था कि उसकी बीमारी की खबर परिवार को बदनाम करेगी. पुलिस के मुताबिक मल्लिकार्जुन अपने माता-पिता के साथ दुम्मी गांव में रहता था. वो बेंगलुरु में एक निजी फर्म में काम करता था और अक्सर परिवार से मिलने आता था. 23 जुलाई को, एक दोस्त की कार से अपने गांव जाते समय, उसकी कार एक खड़े ट्रक से टकरा गई, जिससे मल्लिकार्जुन गंभीर रूप से घायल हो गया. इस दुर्घटना में उसके दोस्तों को भी चोटें आईं.

स्टोरी में ट्विस्ट

उन्हें पहले चित्रदुर्ग के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आगे के इलाज के लिए, मल्लिकार्जुन को दावणगेरे के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने सर्जरी से पहले रुटीन ब्लड टेस्ट के दौरान पाया कि घायल शख्स एचआईवी पॉजिटिव है. ऑपरेशन के दौरान उसके पैर में एक रॉड भी डाली गई थी, लेकिन बाद में डॉक्टरों ने अनियंत्रित रक्तस्राव यानी खून न रुकने के कारण परिवार को उसे बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी.

निशा ने तब उसे बेंगलुरु के एक अस्पताल में ले जाने का सुझाव दिया. उनके पिता नागराजप्पा ने निशा और उसके पति से आगे के इलाज के लिए मल्लिकार्जुन के साथ बेंगलुरु चलने का अनुरोध किया. 25 जुलाई की शाम को, निशा ने अपने पिता को बताया कि वे मल्लिकार्जुन को बेंगलुरु ले जा रहे हैं. हालांकि, बाद में वो उसके शव के साथ लौट आए और उन्होने यह दावा करते हुए कि रास्ते में मल्लिकार्जुन की अचानक मृत्यु हो गई थी.

कैसे हुआ खुलासा?

शक बढ़ने पर, नागराजप्पा ने अपनी बेटी और दामाद से पूछताछ की. निशा ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि मल्लिकार्जुन ने अपनी एचआईवी स्थिति का खुलासा किया था और भारी कर्ज के बोझ तले दबे होने की बात स्वीकार की थी. उसने खुद मरने की इच्छा जताई थी. हत्यारोपी बहन-बहनोई ने आगे दावा किया कि उन्होंने एक कंबल से गला घोंटकर उसे मार डाला. दोनों ने ऐसा ये मानते हुए किया कि एचआईवी एड्स के संक्रमण ने परिवार को बदनाम कर दिया है और अगर वो न मरता तो उसकी वजह से उसके माता-पिता को भी संक्रमण हो सकता है.

FAQ-

सवाल- एड्स को लेकर क्या भ्रांतिया हैं?
जवाब-
HIV पीड़ित से डरने की जररूत नहीं होती. सबसे बड़ी भ्रांति ये है कि लोग मानते हैं कि अगर एड्स वाले को छू लिया तो वो भी एड्स के रोगी हो जाएंगे जबकि सरकार 40 साल से लोगों को समझा रही है कि HIV-एड्स छूने से नहीं फैलता.

सवाल- एड्स पीड़ित को गलत निगाह से क्यों देखा जाता है?
जवाब-
बहुत से लोगों का मानना है कि अमुक व्यक्ति जिसे एड्स हुआ है उसका चरित्र अच्छा नहीं है. उसे ये बीमारी किसी एड्स पीड़ित के साथ संबंध बनाने से हुई होगी. इसलिए पीड़ित को अच्छी नजर ने नहीं देखा जाता.

सवाल- एचआईवी एड्स कैसे हो सकता है?
जवाब- एचआईवी पॉजिटिव मरीज की इस्तेमाल की हुई सुई यानी सीरिंज का किसी और पर इस्तेमाल करने से एड्स हो सकता है. वहीं संक्रमित का खून चढ़ने से भी एड्स हो जाता है. टैटू बनवाने में हमेशा नई नीडिल का इस्तेमाल करना चाहिए, भारत में कई लोगों को एड्स टैटू की सुई से भी हुआ है.

 

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