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कर्नाटक में शरिया के लिए खून बहा रहा 'तीर्थहल्ली मॉड्यूल', रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के बाद NIA ने खोली कुंडली

IED blast at Bengaluru Rameshwaram Cafe: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एक बेहद सनसनीखेज खुलासा किया है. उनका कहना है कि कर्नाटक में जहां भी IED blast हुआ है, उसके पीछे एक खतरनाक मॉड्यूल काम कर रहा है. उसका नाम है- Thirthahalli Module. आइए जानते हैं क्या है 'तीर्थहल्ली मॉड्यूल' की पूरी कुंडली, जिसने कर्नाटक में मचा दिया कोहराम. 

कर्नाटक में शरिया के लिए खून बहा रहा 'तीर्थहल्ली मॉड्यूल', रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के बाद NIA ने खोली कुंडली
krishna pandey |Updated: Mar 30, 2024, 05:48 PM IST
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Thirthahalli module: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु शुक्रवार (1 मार्च) को दो बम धमाकों से दहल गई. इस बम धमाके में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का यूज किया गया था. इस हमले में होटल कर्मचारी और ग्राहकों सहित 9 लोग घायल हो गए. बम ब्लास्ट की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने इसकी जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने (NIA) से सौंपी. अब जो खुलासे हो रहे हैं, वह बेहद चौंकाने वाले हैं. 

जानें क्या हुए खुलासे
कैफे में आईईडी प्लांट करने वाले शख्स की पहचान एनआईए के इनामी वांटेड आतंकी मुसाविर हुसैन शाजिब के तौर पर हुई हैं. वहीं आईईडी प्लांट करने में मुसाविर की मदद करने वाले की पहचान अब्दुल मातीन ताहा के तौर पर हुई है. अब्दुल मातीन ताहा का नाम भी एनआईए के वांटेड लिस्ट में शामिल है.  एजेंसी ने अब्दुल मतीन ताहा पर भी इनाम रखा हुआ है. दोनों आरोपी तीर्थहल्ली शिवमोग्गा कर्नाटक के रहने वाले हैं और इससे पहले भी कई आतंकी घटना में शामिल रहे हैं. जांच एजेंसी ने दोनों आतंकी पर तीन-तीन लाख का इनाम रखा हुआ है. 

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उधर रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट के मामले में एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है. मुजम्मिल शरीफ नाम के इस साजिशकर्ता को तीन राज्यों में 18 स्थानों पर तलाश करके बुधवार को पकड़ा जा सका है. रेस्टोरेंट में एक्सप्लोसिव डिवाइस वाला बैग रखने वाला शाजिब अभी फरार है. मामले में शामिल एक अन्य व्यक्ति अब्दुल मतीन ताहा की भी एनआइए को तलाश है.

NIA की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में जड़ें  'तीर्थहल्ली मॉड्यूल' से जुड़ी बताई जा रही हैं.

क्या है 'तीर्थहल्ली मॉड्यूल'
तीर्थहल्ली का शाब्दिक अर्थ पवित्र जल का गांव से है. इस मॉड्यूल की शुरुआत से पहले हुसैन शाजिब और मतीन दोनों एक अन्य अल-हिंद मॉड्यूल से जुड़े थे. 

कब रडार में आया 'तीर्थहल्ली मॉड्यूल'
जांच एजेंसियों के रडार पर इस मॉडयूल का पता जनवरी 2020 में हुआ, जब कर्नाटक राज्य पुलिस ने बेंगलुरु के सुदागुंटेपाल्या में सक्रिय इस्लामिक स्टेट (आईएस) से प्रेरित अल हिंद आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया. अल हिंद ट्रस्ट से जुड़े मेहबूब पाशा, कुड्डालोर, तमिलनाडु के शिहाबुदीन औ खाजा मोइदीन ने मिलकर इसको आगे बढ़ाया. इस मॉडयूल का मेन फोकस कर्नाटक और तमिलनाडु में आतंकी गतिविधियों के जरिए इस्लामिक स्टेट की स्‍थापना करना था. 

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अल-हिंद मॉड्यूल का गठन 
सितंबर 2021 में एनआईए ने बताया था कि अल-हिंद मॉड्यूल नाम का एक संगठन काम कर रहा है. इसके समूह के लोगों ने बेंगलुरु को अड्डे के रूप में चुना और अप्रैल 2019 से कर्नाटक और तमिलनाडु में कई आपराधिक साजिश बैठकें कीं. इनका काम आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार करना था.  पुलिस अधिकारियों और हिंदू नेताओं की हत्या के लिए हथियार और विस्फोटक इकट्ठा करने की जिम्मेदारी भी यही लोग लेते थे. तमिलनाडु पुलिस के विशेष उप-निरीक्षक विल्सन (जनवरी 2020) की हत्या में यही लोग शामिल थे.  ए विल्सन की तमिलनाडु-केरल सीमा के करीब कन्याकुमारी में कालियाक्कविलाई मार्केट रोड पर एक चेक पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

ए विल्सन की हत्या के बाद मॉडयूल पर कार्रवाई
बेंगलुरु पुलिस ने पुलिस अधिकारी विल्सन की हत्या की जब जांच की तो अल-हिंद मॉड्यूल का नाम सामने आया. जिसमें दो नाम सामने आए थे. पहला- मतीन अहमद ताहा और उनके दूर के रिश्तेदार दूसरे मुसाविर शाज़ीब हुसैन, जो उस समय अल-हिंद मॉड्यूल के सदस्य थे. लेकिन पुलिस की पकड़ से ये दोनों उस समय डर के मारे भागते रहे और अपने गृहनगर तीर्थहल्ली चले गए. वहां रहने के बाद इन दोनों ने एक और नया मॉड्यूल बनाया. और नाम रखा- 'तीर्थहल्ली मॉड्यूल' . 

तीर्थहल्ली में रहने के दौरान इन दोनों ने आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए अपने गृह नगर के कई युवाओं को कट्टरपंथी बनाना शुरू कर दिया. इस कथित मॉड्यूल की गतिविधियों ने पहली बार नवंबर 2020 में राज्य पुलिस का ध्यान आकर्षित किया जब तीन व्यक्तियों, तीर्थहल्ली से माज़ मुनीर और मोहम्मद शारिक और मंगलुरु से सैयद यासीन को गिरफ्तार किया गया. आरोप था इन लोगों ने दीवारों पर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले चित्र बनाए थे. 

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2023 में तीर्थहल्ली मॉडयूल का फिर आया नाम

23 सितंबर, 2022 को शिवमोग्गा पुलिस ने बताया था कि 15 अगस्त को शिवमोग्गा में हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर ने एक पोस्ट लिखी थी. जिसकी बाद उन्हें चाकू मार दिया गया था. इस मामले में भी गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के दो सहयोगी इस्लामिक स्टेट से जुड़े थे.

तीर्थहल्ली मॉडयूल के लोग इस्लामिक स्टेट की विचारधारा को मानते हैं. उनका कहना है कि भारत को केवल अंग्रेजों से आजादी मिली है. लेकिन असली आजादी कर्नाटक में शरिया कानून लागू करने के बाद ही मिलेगी.

2024 में तीर्थहल्ली मॉडयूल का फिर आया नाम
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को बम धमाका हुआ था. इस धमाके में 10 लोग घायल हुए हैं. धमाके से जुड़े दो सीसीटीवी फुटेज सामने आए थे, जिस वक्त धमाका हुआ उस समय रामेश्वरम कैफे में काफी भीड़ थी. वीडियो में ये दिखाई दिया था कि एक शख्स कैफे में बैग छोड़कर गया, जिसके बाद विस्फोट हुआ. जिसके बाद शक और गहराया‌ कि तीर्थहल्ली मॉडयूल के लोग ही इसमें शामिल हैं.

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