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जब मुख्तार ने 30 की उम्र में ही दिखाया था अपना खौफ.. दिल्ली के रिटायर्ड अफसर ने सुनाया अनसुना किस्सा

Ghazipur News: यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत अचानक खराब हुई थी. उसकी मौत के बाद से कई कहानियां सामने आ रही हैं.

जब मुख्तार ने 30 की उम्र में ही दिखाया था अपना खौफ.. दिल्ली के रिटायर्ड अफसर ने सुनाया अनसुना किस्सा
Gaurav Pandey|Updated: Mar 29, 2024, 10:44 PM IST
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Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही उससे जुड़ी कहानियां चर्चा में हैं. गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने मुख्तार अंसारी ने 30 वर्ष की उम्र में ही दिखा दिया था कि वह कानून से नहीं डरता. एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा एक अत्यधिक संवेदनशील मामले में 1993 में गिरफ्तार किए जाने पर मुख्तार ने बेखौफ होकर अपने अपराधों के बारे में खुलासा किया था. यह मामला लुटियंस दिल्ली से एक कारोबारी का अपहरण करने और फिरौती मांगने से जुड़ा है. 

असल में उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद रहने के दौरान तबीयत खराब होने पर पांच बार के विधायक अंसारी को वहां के एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान दिल का दौरा पड़ने पर गुरुवार को अंसारी की मौत हो गई. 

उस वक्त करीब 30 वर्ष का था..
मुख्तार अंसारी के कारनामों को या करते हुए दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक चंद ने अपहरण के मामले को याद करते हुए कहा कि अंसारी उस वक्त करीब 30 वर्ष का था, आत्मविश्वास से परिपूर्ण और कानून के प्रति बेखौफ था. उन दिनों यह एक अत्यधिक संवेदनशील मामला था. अधिकारी ने अपराध शाखा की टीम का नेतृत्व किया था और दिल्ली से करीब 250 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित पंचकूला से कारोबारी को सुरक्षित रूप से मुक्त कराने को सुनिश्चित किया था. 

एक करोड़ की फिरौती मांगी..
अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने पश्चिम दिल्ली के कारोबारी वेद प्रकाश गोयल के परिवार से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. अधिकारी ने दिल्ली में अंसारी से विस्तृत पूछताछ की थी. अधिकारी ने बताया कि वह और उनकी टीम ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह उत्तर भारत के बड़े बाहुबली माफिया की फेहरिस्त में शुमार हो जाएगा. अंसारी जमीन हड़पने, जबरन वसूली, अपहरण, पैसे लेकर हत्या करने, हत्या, हत्या की कोशिश और शस्त्र अधिनियम सहित 61 मामलों का सामना कर रहा था. 

पंडारा रोड, जन्मदिन की पार्टी..
वह ‘पोटा’ (आतंकवाद रोकथाम अधिनियम) और ‘मकोका’ (महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम) सहित दो और मामलों का सामना कर रहा था जो दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 2009 में दर्ज किये थे. गोयल अपनी लाल रंग की कार से यात्रा कर रहे थे और वह पंडारा रोड पर अपने दोस्त के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने जा रहे थे तभी सात दिसंबर 1993 को उनका अपहरण कर लिया गया था. अधिकारी ने बताया कि अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने गोयल को तिलक मार्ग इलाके से अगवा किया था. उन्होंने बताया कि उसके सहयोगियों ने पुलिस को बताया कि अंसारी दक्षिण दिल्ली के एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ है और उन्होंने उसे भी पकड़ लिया. 

अधिकारी ने यह भी बताया कि हमने उनके पास से राइफल और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद की. उन्होंने कहा कि अंसारी एक बढ़िया निशानेबाज था और वह अपने सटीक निशाने को लेकर जाना जाता था. फिलहाल मुख्तार अंसारी अब मौत की नींद सो चुका है.

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