Asaram Bapu News: गुजरात हाई कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम को शुक्रवार को तीन महीने के लिए अस्थायी जमानत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने बीती 7 जनवरी को गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज बलात्कार के मामले में आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम ज़मानत दी थी. फिलहाल आसाराम बापू राजस्थान के जोधपुर जिले में अपना आयुर्वेदिक उपचार करा रहे हैं. सोमवार को तीन महीने की अवधि समाप्त होने वाली थी, इसलिए उनके वकीलों ने गुजरात हाई कोर्ट में तीन महीने के लिए अतिरिक्त जमानत प्रदान करने का अनुरोध किया था.
आसाराम पर गंभीर आरोप
आपको बताते चलें कि धर्म गुरू और कथावाचक आसाराम बापू और उनके बेटे पर महिलाओं के उत्पीड़न समेत कई गहरे आरोप हैं. मामले की जांच जारी है, पुख्ता सबूतों के साथ पुलिस इस केस को बड़ी सावधानी पूवर्क हैंडल कर रही है.
कब-कब मिली राहत
आपको बताते चलें कि पिछले साल राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम बापू को राहत मिली थी. तब 11 साल में पहली बार मिली 7 दिन की पैरोल
दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम को कोर्ट से सात दिन की पैरोल मिली थी. तब राजस्थान हाईकोर्ट से इलाज के लिए आसाराम को पैरोल दी थी. आसाराम की तबीयत को देखते हुए उसे पैरोल मिली थी.
क्या है पूरा मामला?
2013 में आसाराम पर नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था. लड़की के माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी छिंदवाड़ा के गुरुकुल में रहती थी. एक दिन उनके पास फोन आया कि बेटी की तबीयत खराब है, उस पर भूत-प्रेत का साया है. अब आसाराम ही उसे ठीक कर सकते हैं. लड़की के माता-पिता उसे लेकर जोधपुर स्थित आश्रम पहुंचे. आरोप लगा कि 16 साल की उनकी बेटी को आसाराम ने कुटिया में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया. 15 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ केस दर्ज किया गया. 31 अगस्त को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा मिली है. गुजरात के एक अन्य दुष्कर्म केस में भी आसाराम को सजा मिली हुई है.