Maharashtra News: महाराष्ट्र में मानसिक रूप से अस्वस्थ 16 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को पांच लोगों को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई है. विशेष न्यायाधीश एमएच पठान ने राहुल गेचंद, नवीन सारसर, विजय गुस्सर, बॉबी गुस्सर और सनी बागड़ी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत सामूहिक दुष्कर्म का दोषी ठहराया था.
कई बार दुष्कर्म
अभियोजन पक्ष ने बताया कि लड़की 21 अक्टूबर 2016 को लापता हो गई थी, जिसके बाद गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. उनके अनुसार, चार दिन बाद बरामद होने पर लड़की ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि लड़की गर्भवती हो गई और उसे गर्भपात कराना पड़ा.
महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े
देशभर में आधी आबादी के साथ होने वाले अपराधों में कोई कमी नहीं आई है. भारत में रेप के मामलों में 96 प्रतिशत से ज्यादा आरोपी महिला को जानने वाले होते हैं. आंकड़ों के मुताबिक साल 2012 से पहले हर साल औसतन 25 हजार रेप के मामले दर्ज किए जाते थे, लेकिन इसके बाद ये आंकड़ा 30 हजार से भी उपर पहुंच गया. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ( (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में सालभर में 4 लाख से ज्यादा महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज किए जाते हैं. इनमें किडनैपिंग, छेड़छाड़, ट्रैफिकिंग, दहेज हत्या और एसिड अटैक जैसे अपराध शामिल हैं.
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक देश में रेप जैसे जघन्य अपराध के मामलों में सजा मिलने की दर महज 28-30 फीसदी के बीच है.