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गन छोड़ी, वर्दी उतारकर पहनी लुंगी, लगाया मोटा चश्मा, बुजुर्ग बनकर पुलिसवाले ने सैकड़ों किसानों को बचाया

Telangana Farmer scams: बैंकों में कमजोर किसानों को ठगने वाले एजेंट्स के रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए राजू ने वर्दी उतारी और सिविल ड्रेस में दुकान पहुंचे. वहां उन्होंने एक तौलिया और लुंगी खरीदकर किसान का भेस बनाकर अपनी पहचान बदल डाली. किसान के गेटअप में दूसरों को छोड़िये उनके साथ काम करने वाले पुलिसवाले भी उन्हें नहीं पहचान पाए.

गन छोड़ी, वर्दी उतारकर पहनी लुंगी, लगाया मोटा चश्मा, बुजुर्ग बनकर पुलिसवाले ने सैकड़ों किसानों को बचाया
Shwetank Ratnamber|Updated: Jun 07, 2025, 05:07 PM IST
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Farmer's loan scam: तेलंगाना के आदिलाबाद (Adilabad) में इंस्पेक्टर बंदरी राजू (Inspector Bandari Raju) की चर्चा आज सिर्फ तेलंगाना में नहीं बल्कि पूरे देशभर में हो रही है. राजू ने गरीब किसानों को लूटने वालों को एक साथ बड़ी मुहिम चलाकर धर दबोचा. राजू ने एक किसान का भेष धारण कर लोन धोखाधड़ी (loan scam in Telangana) के रैकेट का भंडाफोड़ किया. उनके सीनियर अफसर भी अब अपने इंस्पेक्टर की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

गन नहीं लुंगी!

हैदराबाद से वायरल हुई न्यूज़ तेलंगाना के आदिलाबाद जिले की है. जहां इचोदा थाने के इंस्पेक्टर बंदरी राजू ने एक अपराधिक रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए बंदूक की बजाए दिमाग का इस्तेमाल किया. इंसपेक्टर राजू ने बिना वर्दी के एक बड़े रैकेट को धर दबोचा. महज एक तौलिया और एक सफेद लुंगी पहनकर उन्होंने घोटाला करने वालों को सबक सिखाने का फैसला लिया. अपने अपने दिल में देशभक्ति और खाकी वर्दी की ताकत का भरोसा था. इसलिए एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए राजू ने अंडरकवर बनकर घोटालेबाजों को रंगे हाथ दबोच लिया.

किसानों के मसीहा बने राजू

बैंकों में कमजोर किसानों को ठगने वाले एजेंटों के बढ़ते रैकेट का भंडाफोड़ करने का संकल्प लेने के बाद राजू ने अपनी वर्दी उतारी, एक दुकान में गए और वहां से एक तौलिया और एक लुंगी खरीदीकर एक साधारण किसान का भेस बनाया, जिस पर किसी को और को तो छोड़िये उनके साथ काम करने वाले भी उन्हें इस रूप में नहीं पहचान पाए.

कैसे अंजाम दिया ऑपरेशन

भेष बदलकर राजू ने बिचौलियों से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हीं लोगों को लूटने का धंधा खड़ा कर लिया था, जिनकी मदद करने का दावा वे करते थे. एक बार जब उन्होंने उनका भरोसा जीत लिया, तो जाल बिछा दिया गया. ये लोग किसानों के मौजूदा बैंक लोन चुकाने में मदद करने की पेशकश करते थे और पुराना लोन चुकता होने के बाद वो उन्हें नए लोन का आवेदन करने के लिए मजबूर करते थे, जिसमें आमतौर पर 20% से 30% की बढ़ी हुई क्रेडिट सीमा शामिल होती थी.

लेकिन इसमें एक पेंच था. नया लोन बंटने के बाद, एजेंट किसान को पूरी राशि अपने खातों में स्थानांतरित करने के लिए मना लेते थे. उस राशि में से वे केवल पुराने लोन के बराबर राशि लौटाते थे, और अतिरिक्त राशि में से 10,000 या उससे ज्यादा रकम चुपचाप निकाल लेते थे. इस तरह से कुछ अनपढ़ किसानों को ये भनक तक नहीं लगती थी कि उनके साथ क्या धोखा हुआ है.

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक इंस्पेक्टर राजू ने कहा, 'कई किसान वास्तव में मानते थे कि ये एजेंट उन पर एहसान कर रहे हैं. लेकिन सच्चाई ये थी कि बिचौलिए किसानों की अज्ञानता का फायदा उठाकर अपनी जेबें भर रहे थे. आदिलाबाद में कार्रवाई करके वो इस रैकेट की तह तक पहुंचे. उन्होंने अपनी मुहिम का खाता बनाकर आखिरकार आदिलाबाद के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को ऑपरेशन की इजाजत देने के लिए मना लिया. इसके बाद जिले के एसपी अखिल महाजन ने ग्रामीण मंडलों में बैंकों में फैलकर 16 विशेष टीमों का गठन करते हुए एक व्यापक अभियान शुरू किया.

जबकि अधिकांश अधिकारियों ने संदिग्धों को ट्रैक करने और गिरफ्तार करने के लिए पारंपरिक पुराने जांच तरीकों को फॉलो किया, वहीं इंस्पेक्टर राजू का अंडरकवर ऑपरेशन अपनी क्रिएटिविटी और काबिलियत के लिए अलग रहा. राजू ने बताया, 'मैंने अपनी बॉडी लैंग्वेज भी बदल दी थी. बूढ़ा दिखने के लिए थोड़ा झुका, किरदार से मेल खाने के लिए चश्मा पहना. किसी को कुछ भी शक नहीं हुआ. किसानों को बर्बाद करने वाले 34 एजेंटों को गिरफ्तार करने के बाद उन्होंने अपनी कहानी अधिकारियों के साथ-साथ मीडिया को सुनाई कि कैसे वो किसान बनकर लोन चुकाने में कथित मददगार एजेंटों से अनौपचारिक रूप से बात करते थे, उनके संदिग्ध सौदों की पुष्टि करते थे और अपनी टीम को आगे बढ़ने का हिंट देते थे.

दो दिन पहले ऑपरेशन बीते गुरुवार को आदिलाबाद जिले भर से 34 एजेंटों की गिरफ्तारी के साथ राजू का ऑपरेशन खत्म हुआ. उनकी मदद से जो क्लू मिले उसके तहत गुड़ीहाथनूर मंडल से 9, उटनूर मंडल से 5, नारनूर मंडल से 11, बेला मंडल से 3, भीमपुर मंडल से 2, मावला मंडल से एक और इंद्रवेल्ली मंडल से तीन लोन एजेंटों को दबोचा. सभी 34 आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.

'हजारों किसानों की जान बचाई'

इंस्पेक्टर राजू के इस अपरंपरागत दृष्टिकोण से न केवल धोखेबाजों के नेटवर्क को पकड़ने में मदद मिली, बल्कि जटिल ऋण प्रणालियों से जूझ रहे किसानों को उनके साथ हो रहे धोखे की जानकारी मिली. वहीं किसानों को भी इस तरह जागरूक किया गया कि वो भविष्य में किसी नए झांसे या जाल में न फंसे. इसी ऑपरेशन के दौरान किसानों को बेहतर वित्तीय साक्षरता और सुरक्षा उपायों के बारे में बताया गया.

लोगों का कहना है कि पुराना लोन चुकाने के चक्कर में नए लोन के जाल में फंसने और वित्तीय धोखाधड़ी के चलते हजारों किसान ऐसे लोन स्कैम का शिकार हो रहे हैं. देश में अन्नदाता किसानों की खुदकुशी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं, ऐसे में इंस्पेक्टर राजू को सैल्यूट है जिन्होंने पहले से कर्ज में दबे किसानों को लूट रहे लोन एजेंटों की पोलखोलकर अन्य किसानों को भी बर्बाद होने से बचा लिया.

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