Dilwale Dulhania Le Jayenge Shoot: आदित्य चोपड़ा की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्मों में से एक मानी जाती है. साल 1995 में रिलीज हुई इस फिल्म में शाहरुख खान और काजोल ने शानदार केमिस्ट्री ने लोगों का दिल जीत लिया था. फिल्म की शूटिंग यूके, यूरोप और भारत में हुई थी, जिसमें स्विट्जरलैंड का भी कुछ खूबसूरत हिस्सा शामिल था.
करण जौहर, जो उस वक्त इस फिल्म के असिस्टेंट डायरेक्टर थे, ने हाल ही में एक इंटरव्यू में फिल्म से जुड़ी कई दिलचस्प बातें शेयर कीं. करण जौहर ने जय शेठी के पॉडकास्ट पर बताया कि 'DDLJ' पर एक साल तक काम करना उनके लिए सबसे बड़ा सीखने का एक्सपीरियंस था. उन्होंने बताया कि उस समय टीम में सिर्फ 21 लोग थे और सभी ने हर तरह का काम खुद ही किया. कोई अलग से हेल्प करने वाला नहीं था.
ऐसे हुई थी DDLJ की शूटिंग
करण ने याद किया कि कैसे उन्होंने लो-कॉस्ट एक्सेसरीज रेलवे स्टेशन से खरीदीं और खुद ही एक्ट्रेसेज के कपड़ों की अरेंजमेंट्स की थीं. स्विट्जरलैंड में शूटिंग के दौरान पूरी टीम सिर्फ एक बस में घूमती थी. करण ने बताया, 'हम बस में बैठते थे, आदित्य लोकेशन देखते और कहते, 'यहां रुक जाओ, बहुत अच्छा लग रहा है, शूट करते हैं'. काजोल को पेड़ के पीछे साड़ी पहनाई जाती थी और शाहरुख कहीं भी कपड़े बदल लेते थे'.
शाहरुख-काजोल खुद उठाते थे शूटिंग का सामान
उन्होंने बताया, 'उस वक्त सबने मिलकर एक टीम की तरह काम किया, चाहे वो एक्टर हों या असिस्टेंट'. करण ने बताया कि पहाड़ों पर शूटिंग करनी हो तो हर कोई इक्विपमेंट उठाकर ऊपर जाता था. शाहरुख और काजोल भी कोई फर्क नहीं करते थे, वे भी बाकी टीम के साथ सामान उठाते थे. आज के समय की तरह कोई अलग से क्रू या मदद करने वाला नहीं था. उस वक्त फिल्म बनाना सच में टीम वर्क पर टिका होता था.
नहीं होते थे पर्सनल हेयर-मेकअप आर्टिस्ट
करण ने ये भी बताया कि उस दौर में एक्टर के पास पर्सनल हेयर और मेकअप आर्टिस्ट नहीं होते थे. उन्होंने याद किया कि काजोल की मेकअप आर्टिस्ट को वीजा नहीं मिला था, इसलिए सेट पर वे खुद काजोल के बाल संवारते थे और उनकी मां मेकअप करती थीं. उन्होंने ये सब खुशी-खुशी किया क्योंकि सब लोग मिलकर फिल्म बना रहे थे. करण ने 'तुझे देखा तो' गाने की शूटिंग का मजेदार किस्सा भी शेयर किया.
नहीं आती थी साड़ी बांधनी
उन्होंने बताया कि उस सीन में काजोल को बर्फ में नीली साड़ी पहननी थी लेकिन शूटिंग के वक्त किसी को साड़ी बांधनी नहीं आती थी. करण ने कहा, 'मैंने अपनी मां को देखकर जो साड़ी बांधना सीखा था, वही ट्राई किया. साड़ी दिखने में काफ्तान जैसी लग रही थी, लेकिन हमारे पास कोई चॉइस नहीं थी. फिर भी हम सब बहुत एंजॉय कर रहे थे'. इस तरह करण जौहर ने 'DDLJ' के सेट से जुड़ी उन सादगी भरी यादों को याद किया.
फिल्म ने रचा था इतिहास
उन्होंने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि उस वक्त किसी फिल्म की शूटिंग आज के ग्लैमर से भरे फिल्मी सेट्स से बिल्कुल अलग थीं. बिना बड़ी टीम, स्टाइलिस्ट या मेकअप आर्टिस्ट के भी उन्होंने एक आइकॉनिक फिल्म बनाई, जो आज भी लोगों के दिलों में खास जगह बनाए हुए है. करण ने माना कि ये उनकी जिंदगी का सबसे अच्छा समय था. बता दें, ये फिल्म 1995 की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर थी, जिसने 4 करोड़ के बजट में 102 करोड़ की कमाई की थी.
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