Khalid Ka Shivaji Removed Cannes: हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि मराठी फिल्म ‘खालिद का शिवाजी’ को कान्स फिल्म फेस्टिवल की लिस्टिंग से हटा दिया जाएगा. आरोप है कि फिल्म में गलत बातें और आपत्तिजनक कंटेंट दिखाया गया है. कुछ राइट-विंग ग्रुप का कहना है कि ये फिल्म मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को गलत तरीके से पेश करती है.
ये फिल्म 8 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होनी थी, लेकिन अब इसका भविष्य सेंसर बोर्ड की नई जांच पर टिका है. कल्चरल मिनिस्टर आशीष शेलार ने कहा कि सरकार को शिकायतें मिलते ही कदम उठाए गए. उन्होंने बताया कि शिकायतों में फिल्म पर गलत जानकारी फैलाने और भावनाएं आहत करने का आरोप है. सरकार ने शिव भक्तों और समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए ये फैसला किया. मई में एक्सपर्ट कमेटी ने इसे कान्स में दिखाने की सिफारिश की थी.
सेंसर बोर्ड की नई समीक्षा शुरू
हालांकि, बाद में ये सिफारिश वापस ले ली गई. महाराष्ट्र संस्कृति सचिव किरण कुलकर्णी ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर सेंसर बोर्ड से फिल्म का सर्टिफिकेट दोबारा जांचने की मांग की. राज्य सरकार चाहती है कि फिल्म की रिलीज समीक्षा पूरी होने तक रोकी जाए, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब न हो. शेलार ने कहा कि अगर फिल्म गलत तथ्यों को बढ़ावा देती है और भावनाएं आहत करती है, तो कार्रवाई जरूरी है.
अवॉर्ड सेरेमनी में विरोध
वहीं, दूसरी और महाराष्ट्र राज्य फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में इस फिल्म को लेकर हंगामा हो गया. जैसे ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बोलने वाले थे, दो लोगों ने खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी. उनके हाथों में पोस्टर थे और वे फिल्म पर इतिहास तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगा रहे थे. सुरक्षा कर्मी तुरंत उन्हें सेरेमनी से बाहर ले गए. मुख्यमंत्री ने उन्हें शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि उनकी बात रखी गई है, इस तरह से किसी भी इवेंट को खराब न करें.
संगठन और पुलिस की टकराहट
इससे पहले भी ‘सकल हिंदू समाज’ ने फिल्म पर 'झूठा इतिहास' फैलाने का आरोप लगाया था. पुलिस ने इस संगठन से जुड़े एक व्हाट्सऐप ग्रुप एडमिन को नोटिस भेजा, जिसमें सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज फैलाने से बचने की चेतावनी दी गई. पुलिस का कहना था कि इस तरह के मैसेज से लोगों के बीच शांति भंग हो सकती है. संगठन ने इसे अपने कांस्टीट्यूशनल राइट्स पर हमला बताया और सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ नाराजगी जाहिर की.
फिल्म की कहानी और अंतरराष्ट्रीय पहचान
बता दें, इस मराठी फिल्म ‘खालिद का शिवाजी’ का निर्देशन अंकुर भाटिया ने किया है और ये उनकी पहली फिल्म है. कहानी एक मुस्लिम लड़के खालिद की है, जो अपने धर्म के खुद को सबसे अलग महसूस करता है, लेकिन शिवाजी महाराज से इंस्पायर होकर हिम्मत जुटाता है. फिल्म को पहले कान फिल्म फेस्टिवल में चुना गया था, जिसे लेकर मंत्री आशीष शेलार ने गर्व जताया था. हालांकि अब विवाद के चलते इसकी रिलीज और स्क्रीनिंग दोनों पर संकट है.
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