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स्मृति ईरानी ने सेना के जवानों के लिए लिया सबसे बड़ा फैसला, जानकर आप भी करेंगे तारीफ

Smriti Irani ने इतना बड़ा फैसला लिया है कि हर कोई इनकी तारीफ कर रहा है.इस फैसले को जिसने भी पढ़ा उसकी सीना गर्व से चौड़ा हो गया.

स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी
Shipra Saxena|Updated: May 16, 2025, 07:51 PM IST
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Smriti Irani Biggest Decision: टीवी एक्ट्रेस और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने ऐसा फैसला लिया है जिसने पढ़ने के बाद आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा. स्मृति ने 'सॉलिडिट्री विद इंडिया आर्म्ड फोर्सेस' शो में ऐलान किया कि वो अपनी पेंशन को राष्ट्रीय रक्षा कोष (नेशनल डिफेंस फंड ऑफ इंडिया) को डोनेट करेंगी. इस बात खुलासा स्मृति ईरानी ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए किया. उनका ये बयान तेजी से वायरल हो रहा है और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है.

दान की पेंशन

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा- 'भारत के नागरिक होने के नाते और ऑल इंडिया ट्रेडर्स फेडरेशन के स्ट्रेटजिक एडवाइजर ने सभी लोगों ने अपनी पेंशन को नेशनल डिफेंस फंड ऑफ इंडिया को देने का फैसला किया है. मैंने बीते एक साल से बतौर पूर्व सांसद ना तो पेंशन ली और ना ही किसी सुविधा का इस्तेमाल किया. ये भारत के खजाने का पैसा है, जिसे मैं आज राष्ट्रीय रक्षा कोष को समर्पित कर रही हूं.'

ऑल इंडिया ट्रेडर्स की तारीफ की

बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने ऑल इंडिया ट्रेडर्स के इस उस फैसले की भी सराहना की जिसमें उन्होंने पाकिस्तान का समर्थन करने की वजह से तुर्किए और अजरबैजान के साथ सभी व्यापार फैसले को खत्म कर दिया. इन्होंने कहा कि ये कदम दिखाता है कि भारत के उन बहादुर बेटों और बेटियों का समर्थन करते हैं जो देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं. 

अपने बयान में स्मृति ईरानी ने ये भी कहा कि बहिष्कार के माध्यम से व्यापारी संगठन भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दे रहा है. साथ ही मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने में समर्पित है. इसके साथ ही ईरानी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में छोटे व्यापारियों की भूमिका पर जोर दिया.

 

क्या है तुर्किए अजरबैजान मामला?

आपको बता दें, भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही हुए तनाव के बीच तुर्किए और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था. जिसके बाद भारत ने इन दोनों के सारे  संबंध खत्म कर लिए हैं. खास बात है कि हाल ही में इन दोनों देशों में भारतीय पर्यटकों की संख्या बढ़ी थी. लेकिन इन दोनों देशों के समर्थन का सीधा असर अब इन पर पड़ सकता है.

 

 

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