Raj Babbar Birthday: उत्तर प्रदेश के टुंडला में जन्मे राज बब्बर का 23 जून को 72वां जन्मदिन है. दुनिया में खलनायक से लेकर नायक तक का सफर तय करने वाले राज ने न केवल सिल्वर स्क्रीन पर,बल्कि राजनीति के मैदान में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी. वह खलनायक,नायक और राजनेता तीनों ही किरदार में सफल रहे.
'इंसाफ का तराजू' से हुए हिट
बचपन से ही स्टेज पर अपनी अदाकारी का जादू बिखेरने वाले राज बब्बर ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से एक्टिंग की बारीकियां सीखी और फिर बॉलीवुड में कदम रखा. उनकी जिंदगी का यह सफर उतार-चढ़ाव,विवादों और उपलब्धियों से भरा रहा.साल 1977 में राज बब्बर की पहली फिल्म 'किस्सा कुर्सी का' आई. लेकिन,उन्हें असली पहचान मिली उसी साल बी.आर.चोपड़ा की फिल्म 'इंसाफ का तराजू' से. इसमें उनके किरदार ने दर्शकों के बीच विशेष छाप छोड़ी.
निगेटिव रोल सबसे चर्चा में रहा
इस नकारात्मक भूमिका ने उन्हें रातोंरात चर्चा में ला दिया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1980 के दशक में 'प्रेम गीत','निकाह','उमराव जान','आज की आवाज' और 'अगर तुम ना होते' जैसी फिल्मों ने उन्हें रोमांटिक और संजीदा एक्टर रूप में पेश किया.
हर रोल में हुए फिट
साल 1981 में रिलीज हुई 'उमराव जान' में उनके 'फैज अली' के किरदार को आज भी याद किया जाता है. 1990 की सनी देओल स्टारर 'घायल 'में उन्होंने बड़े भाई की भूमिका निभाकर फिर से अपनी प्रतिभा साबित की.'बॉडीगार्ड','साहब बीवी और गैंगस्टर 2', 'बुलेट राजा' जैसी फिल्मों में उनके किरदारों ने साबित कर दिया कि वह हर तरह के रोल में फिट बैठ सकते हैं.
ये हैं बेहतरीन फिल्में
उनकी फिल्मोग्राफी में 'रुदाली','मजदूर','जख्मी औरत','वारिस', 'संसार', 'पूनम', 'याराना','जीवन धारा','झूठी' और 'तेवर'जैसी फिल्में शामिल हैं, जो उनकी अभिनय की गहराई को शानदार अंदाज में पेश करती हैं. राज बब्बर की निजी जिंदगी भी उनकी फिल्मों की तरह चर्चा में रही. साल 1975 में उन्होंने थिएटर आर्टिस्ट नादिरा जहीर से शादी की, जिनसे उनकी बेटी जूही बब्बर और बेटा आर्य बब्बर हैं. लेकिन, 1982 में फिल्म 'भीगी पलकें' के सेट पर उनकी मुलाकात अभिनेत्री स्मिता पाटिल से हुई, जिसके बाद दोनों के बीच प्यार का रिश्ता बना, जो परवान चढ़ा. यह रिश्ता उस समय सुर्खियों में आया, क्योंकि राज शादीशुदा थे.
दो बार बने पति
फिर क्या था साल 1983 में राज और स्मिता ने शादी कर ली और 1986 में उनके बेटे प्रतीक बब्बर का जन्म हुआ.लेकिन, नियति को कुछ और मंजूर था. प्रतीक के जन्म के कुछ ही दिनों बाद स्मिता का निधन हो गया. यह राज के लिए गहरे सदमे की तरह था. बाद में वह नादिरा के पास लौट आए और परिवार को फिर से जोड़ा.
इस टॉप एक्टर ने ठुकराई अब तक की सबसे महंगी फिल्म, 835 करोड़ है बजट
फिल्मी दुनिया में सफल रहे राज बब्बर ने साल 1989 में राजनीति में कदम रखा. जनता दल के साथ राजनीति में उन्होंने प्रवेश किया. बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और 1994 में आगरा से लोकसभा चुनाव जीते. उन्होंने 1999 और 2004 में फिरोजाबाद से लोकसभा सीट जीती। साल 2008 में वह कांग्रेस में शामिल हुए. उत्तर प्रदेश राज्य में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह साल 2024 में गुरुग्राम लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
इनपुट- एजेंसी
Bollywood News , Entertainment News, हिंदी सिनेमा, टीवी और हॉलीवुड की खबरें पढ़ने के लिए देश की सबसे विश्वसनीय न्यूज़ वेबसाइट Zee News Hindi का ऐप डाउनलोड करें. सभी ताजा खबर और जानकारी से जुड़े रहें बस एक क्लिक में.