Anuradha Paudwal On Comparison: अनुराधा पौडवाल ने अपने करियर की शुरुआत 1973 में की थी, जब उन्होंने फिल्म 'अभिमान' में एक संस्कृत श्लोक गाया था . ये फिल्म का म्यूजिक एस डी बर्मन ने तैयार किया था और इसने इसमें उन्होंने जया भादुरी के लिए डबिंग की थी. अनुराधा पौडवाल अपने करियर में 9,000 से ज्यादा गाने गाकर रिकॉर्ड बनाया, जिनमें 1500 से ज्यादा भजन हैं.
उन्होंने हिंदी, मराठी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, बंगाली, ओड़िया, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, मैथिली, ब्रजभाषा, नेपाली कई भाषाओं में गाने गाए. एक समय था जब अनुराधा पौडवाल की आवाज का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता था, लेकिन बावजूद इसके उन्हें वो पहचान नहीं मिल पाई जिसकी वो हकदार थीं. जब उन्होंने गाना शुरू किया था, तब म्यूजिक इंडस्ट्री पर लता मंगेशकर और आशा भोसले का काफी प्रभाव था.
क्या लता-आशा बनी थीं करियर में रोड़ा?
उस दौर में काफी लोगों का ये भी कहना था कि ये दोनों दिग्गज गायिका दूसरी नई सिंगर्स को आगे नहीं बढ़ने देती थीं. हाल ही में अनुराधा ने इन बातों पर चुप्पी तोड़ते हुए अपना एक्सपीरिसंय शेयर किया. अपने एक हालिया इंटरव्यू में जब अनुराधा से पूछा गया, 'क्या लता मंगेशकर या आशा भोसले ने कभी उनके करियर में रुकावट डाली?', तो उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने लता जी को हमेशा अपना गुरु माना है.
लता मंगेशकर से सीखीं संगीत की बारीकियां
उन्होंने कहा कि आज भी उन्हें उतना ही सम्मान देती हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने लता मंगेशकर के गाने सुनकर ही संगीत की बारीकियां सीखीं. आशा भोसले और लता मंगेशकर की तारीफ करते हुए अनुराधा कहती हैं कि दोनों का करियर बहुत लंबा और सफल रहा है. इसका मतलब ये नहीं कि उनके बारे में कुछ भी कहा जाए. उन्होंने बताया कि आशा भोसले आज भी अपनी उम्र के बावजूद रोज रियाज करती हैं.
अनुराधा पौडवाल ने लता मंगेशकर की जमकर तारीफ
उनके मुताबिक, आशा जी की आवाज में उनके जीवन के संघर्षों की झलक साफ सुनाई देती है. वहीं लता मंगेशकर के बारे में अनुराधा ने कहा कि उनका जीवन भी संघर्षों से भरा रहा है. लेकिन वो हमेशा से एक शांत और गंभीर व्यक्तित्व की रहीं. यही वजह है कि उनकी आवाज में एक गहराई महसूस होती थी. अनुराधा मानती हैं कि संघर्षों से भरा जीवन ही कलाकार की आवाज को आत्मा देता है और दोनों बहनों की आवाजों में वो आत्मा हमेशा रही है.
हमेशा दिया दोनों गायिकाओं को सम्मान
अनुराधा पौडवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि सिर्फ भारत में ही ये कहा जाता है कि किसी बड़े कलाकार ने किसी नए कलाकार का करियर खराब किया. उन्होंने कहा कि विदेशों में ऐसा नहीं होता. उनका कहना है कि उन्होंने लता मंगेशकर और आशा भोसले दोनों को हमेशा दिल से सम्मान दिया है और आगे भी उनका आदर करती रहेंगी. अपने करियर की शुरुआत के बारे में अनुराधा ने बताया कि 1973 में फिल्म 'अभिमान' के लिए एसडी बर्मन को एक श्लोक की जरूरत थी.
अरुण पौडवाल की पर्सनल लाइफ
तब उनके पति अरुण पौडवाल ने उनसे वो गाने के लिए कहा. जब उन्होंने अपनी आवाज में वे श्लोक गाकर भेजा, तो एसडी बर्मन ने कहा कि लता मंगेशकर की जरूरत नहीं है. उसी गाने से अनुराधा के सफर की शुरुआत हुई. बता दें, अनुराधा ने 1969 में संगीतकार अरुण पौडवाल से शादी की थी, तब वे सिर्फ 17 साल की थीं और अरुण 27 साल के थे. उनके पति का निधन 1991 में हो गया था. उनके दो बच्चे हैं बेटा आदित्य पौडवाल और बेटी कविता पौडवाल. उनके दोनों ही बच्चे सिंगर है.
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