मशहूर संगीतकार राशिद खान का निधन हो गया है. 55 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. वह पिछले महीने अस्पताल में भर्ती हुए थे. नवंबर 2023 को खबरें आई थीं कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. लेकिन उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था. जिस चलते मंगलवार की सुबह खबरें आई कि डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा था. कलकत्ता के अस्पताल में सिंगर ने अंतिम सांसें लीं. उनके निधन पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया है.
मालूम हो, राशिद खान ने हिंदी फिल्मों के लिए भी काम किया है. 'जब वी मेट', 'माई नेम इज खान' 'राज 3', 'कादंबरी', 'शादी में जरूर आना', 'मंटो' से समेत कई मशहूर फिल्मों के लिए वह गाने गा चुके हैं. आज भी उनका गीत 'आओगे जब तुम ओ साजना' लोगों की जुबां से उतरा नहीं है.
बदायूं के रहने वाले
रामपुर-सहस्वान घराने से आने वाले उस्ताद राशिद खान का शुरुआत में टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज चल रहा था. इसके बाद वह कलकत्ता चले आए और यहीं अस्पताल मं भर्ती थे. राशिद खान उत्तर प्रदेश के बदायूं के रहने वाले थे.
मामा ने राशिद खान को किया था ट्रेंड
राशिद खान को संगीत उनके परिवार से मिला था. शुरुआती ट्रेनिंग उन्हें उनके नाना उस्ताद निस्सार हुसैन खान ने दी थी. उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान रिश्ते में इनके चाचा लगते थे. कहते हैं कि राशिद खान के टेलेंट को सबसे पहले गुलाम मुस्तफा खान ने ही पहचाना था और उन्हें संगीत के लिए प्रेरित किया था. फिर वह म्यूजिक सीखने के बाद मुंबई चले आए. 11 साल की उम्र में राशिद खान ने स्टेज डेब्यू किया था.
पीएम मोदी ने जताया दुख
उनके निधन पर पीएम मोदी ने भी शोक जताया है. उन्होंने उनके साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत की महान हस्ती उस्ताद राशिद खान जी के निधन से दुख हुआ है. संगीत के प्रति उनकी अद्वितीय प्रतिभा और समर्पण ने हमारी सांस्कृतिक दुनिया को समृद्ध किया और पीढ़ियों को प्रेरित किया. उनका निधन एक खालीपन छोड़ गया है जिसे भरना मुश्किल होगा. उनके परिवार, शिष्यों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.
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