Dawood Ibrahim Brother Noora Kaskar: बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के रिश्ते हमेशा से ही सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का छोटा भाई नूरा कासकर एक समय पर उभरता हुआ गीतकार भी था. नूरा ने सलमान खान और ऋषि कपूर जैसे बड़े सितारों की फिल्मों के लिए गाने लिखे थे. उसने फिल्म ‘श्रीमान आशिक’ का गाना ‘चूम लूं होंठ तेरे दिल की यही ख्वाहिश है’ लिखा था, जिसको अल्का याग्निक और कुमार सानू ने गाया था.
उस फिल्म में ऋषि कपूर लीड रोल में नजर आए थे. इसके अलावा नूरा ने सलमान खान की सुपरहिट फिल्म ‘पत्थर के फूल’ के लिए भी एक गाना लिखा था. वो गाना था ‘तुमसे जो देखते ही प्यार हुआ’, जिसे लता मंगेशकर और एसपी बालसुब्रह्मण्यम ने गाया था. इस फिल्म में सलमान के साथ रवीना टंडन नजर आई थीं. खास बात ये है कि इन दोनों गानों को खूब पसंद भी किया गा. नूरा के इन गानों से साबित होता है कि वो एक क्रिएटिव सोच रखने वाला इंसान था, जो फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाना चाहता था.
बड़ा गीतकार था दाऊद इब्राहिम का भाई
उस वक्त बहुत कम लोग जानते थे कि वो एक गैंगस्टर परिवार से ताल्लुक रखता है. जाने-माने क्राइम जर्नलिस्ट एस. हुसैन जैदी ने बताया कि नूरा एक शायराना सोच रखने वाला शख्स था. वो फिल्मों में इस्तेमाल होने वाले टपोरी टाइप गानों को लिखने में माहिर था. जैदी के मुताबिक, दाऊद के लिए परिवार सबसे ऊपर था और अगर कभी भाइयों में आपसी मतभेद होते, तो भी दाऊद कभी इसे बाहर नहीं आने देता था. नूरा भी अपने भाइयों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था.
10 साल तक रहा अंडरवर्ल्ड में सक्रिय
वो अपनी कला और परिवार दोनों को लेकर गंभीर था. 1980 और 1990 के दशक में नूरा मुंबई के अंडरवर्ल्ड में सक्रिय था. खबरों के मुताबिक, वो हफ्ता वसूली रैकेट का बड़ा हिस्सा था और दाऊद के कहने पर बॉलीवुड से भी वसूली करता था. इसके बावजूद, नूरा एक रचनात्मक इंसान था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वो कविताएं लिखता था और उसके लिखे गाने फिल्मों में इस्तेमाल होते थे. IMDb पर भी उसका नाम ‘श्रीमान आशिक’ फिल्म के गीतकार के तौर पर दर्ज है.
कई फिल्मों के लिए हिट गाने
एक और दिलचस्प बात ये है कि ‘तुमसे जो देखते ही प्यार हुआ’ गाना नूरा का लिखा हुआ था, गीतकार श्याम केसवानी ने बताया था. उन्होंने कहा कि ये गाना मुंबई की सड़कों और वहां की जिंदगी को दिखआता है. नूरा ने ऐसे ही लोकल रंगों को गीतों में ढाला. आईएमडीबी के मुताबिक, नूरा को 1992 में आई फिल्म ‘मेहबूब मेरे मेहबूब’ में भी गीतकार के तौर पर क्रेडिट दिया गया है, जिसमें मोहनीश बहल लीड रोल में थे. इससे पता चलता है कि वो अपने काम को लेकर काफी गंभीर था.
51 की उम्र में हुई थी मौत
2009 में इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट ने बताया कि नूरा की मौत कराची में 51 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. लेकिन दो हफ्ते बाद ये चौंकाने वाली खबर आई कि उसकी मौत असल में एक हत्या थी. रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि नूरा को पहले अगवा किया गया, फिर उसे गोली मार दी गई और उसका शव दाऊद के घर के बाहर फेंका गया. किडनैपर्स ने दाऊद से 50 मिलियन डॉलर की फिरौती भी मांगी थी. नूरा की जिंदगी जितनी मिस्टीरियस थी उसकी मौत उतनी ही सनसनीखेज रही.
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