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Richa Chadha ने लोगों में बढ़ती उदासी पर लिखी लंबी-चौड़ी पोस्ट, कहा- 'चाहे बूढ़े हो या जवान...'

Richa Chadha Talks About Silent Struggle of Motherhood and Other Things: बॉलीवुड एक्ट्रेस रिचा चड्ढा ने सोशल मीडिया पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में उन्होंने मदरहुड लेकर AI तक की बातें की हैं. 

रिचा चड्ढा ने करवाया सच से सामना
रिचा चड्ढा ने करवाया सच से सामना
Garima Singh|Updated: Apr 13, 2025, 06:43 AM IST
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Richa Chadha Latetest Post: बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने अपने ताजा पोस्ट के माध्यम से लोगों में बढ़ती उदासी को दर्शाते हुए समाज को आईना दिखाया है. एक्ट्रेस ने लंबी चौड़ी पोस्ट शेयर करते हुए AI के बारे में बात की. साथ ही भविष्य को लेकर लोगों में बढ़ रही उदासी पर चर्चा की है. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'पिछले कुछ महीनों से, मैं एक नई मां के रूप में अपने जीवन का अनुभव करते हुए, लगभग एक गवाह के रूप में, किसी चीज से जूझ रही हूं... और उसके साथ ही समुद्र की लहरों की तरह आने वाली भावनाएं. उच्च ज्वार (हाई टाइड) और निम्न ज्वार (लो टाइड)। 'फुकरे' की एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'मैं चाहे किसी से भी बात करूं, चाहे वे भारत में रहते हों या नहीं, चाहे वे युवा हों या बूढ़े, चाहे वे किसी भी लिंग के हों, चाहे वे नास्तिक हों या ईश्वर-भक्त, चाहे वे कलाकार हों या सामान्य - एक अकथनीय उदासी है. आसन्न और आसन्न विनाश की भावना, एक प्रकार की सुन्न निराशा, जो संघर्ष से पैदा होती है.'

AI पर भी रिचा ने कही ये बात
एआई के बढ़ते प्रभाव के बारे में बोलते हुए, उन्होंने आगे कहा, 'आर्थिक अनिश्चितता मदद नहीं करती है। एक भावना है कि या तो वे इस तेजी से बदलती दुनिया में प्रासंगिकता खो देंगे या उनकी नौकरी अप्रचलित हो सकती है. एआई के सामने यह एक बहुत ही वास्तविक डर है। मैं समझती हूं.' युवाओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के तेजी से बढ़ने के बारे में बात करते हुए, ऋचा ने लिखा, 'भविष्य को लेकर चिंता व्याप्त है, चाहे आप इसे किसी भी नजरिए से देखें. शायद महामारी ने हमें और हमारे आस-पास के माहौल को उससे कहीं ज़्यादा बदल दिया है, जितना हम खुद को स्वीकार कर सकते हैं. जहां तक स्वास्थ्य का सवाल है, अराजकता भी है. जबकि कई लोग इस वास्तविकता को स्वीकार कर रहे हैं कि प्रकृति ही धन का स्रोत है और विकास हमारे आवास की कीमत पर नहीं हो सकता, अधिकांश लोग इस बात से चिंतित हैं कि युवा भी मर रहे हैं.'

 

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रिचा चड्ढा ने करवाया सच का सामना 
रिचा चड्ढा ने आगे कहा, 'कुछ बदल गया है. कुछ गड़बड़ है. शायद जिस दुनिया में हम रहते हैं, उसके बारे में जो कुछ भी बताया गया है, वह झूठ है. शायद हमें 'सच्चे मानव स्वभाव' के बारे में जो कुछ भी नहीं बताया गया है, वह एक पागल, दुखी आदमी की कल्पना के अलावा और कुछ नहीं है.' ऋचा ने निष्कर्ष निकाला, 'लोग खुश नहीं हैं. और हम निश्चित रूप से वर्तमान में दुनिया के सबसे कम खुशहाल देशों में से एक हैं.' अंत में, उन्होंने एक ऐसा सवाल पूछा जो निश्चित रूप से आपको सोचने पर मजबूर कर देगा - 'क्या गलत हुआ?' 

इनपुट: एजेंसी 

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