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90s में दीं दर्जनों हिट, फिर कैसे बर्बाद हुआ गोविंदा का करियर? मशहूर प्रोड्यूसर ने खोला राज, बोले- ‘डेविड धवन ने...’

Govinda Downfall: 90 के दशक में गोविंदा एक ऐसा नाम थे, जिनकी फिल्मों का हिट होना गारंटी माना जाता था, जिस फिल्म में वो होते थे वो बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई किया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनके करियर में ग्रहण लगना शुरू हो गया और वो इंडस्ट्री से गायब होते चले गए, जिसके पीछे की वजह का खुलासा एक मशहूर प्रोड्यूसर ने किया है.

90s में दीं दर्जनों हिट, फिर कैसे बर्बाद हुआ गोविंदा का करियर
90s में दीं दर्जनों हिट, फिर कैसे बर्बाद हुआ गोविंदा का करियर
Vandana Saini|Updated: Jun 21, 2025, 09:20 AM IST
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Govinda Career Downfall: हिंदी सिनेमा के हीरो नंबर 1 कहे जाने वाले गोविंदा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1986 में फिल्म 'इल्जाम' से की थी और तब से अब तक उन्हें इंडस्ट्री में लगभग 39 साल हो चुके हैं. अपने करियर में उन्होंने 165 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. गोविंदा को 90 के दशक में कॉमेडी और डांस के लिए बेहद पसंद किया गया, खासकर निर्देशक डेविड धवन के साथ उनकी जोड़ी ने कई सुपरहिट फिल्में दीं. 

उनकी कुछ सबसे हिट फिल्मों में 'कुली नं. 1', 'हीरो नं. 1', 'राजा बाबू', 'साजन चले ससुराल' और 'दीवाना मस्ताना' शामिल हैं.  90 के दशक में गोविंदा एक ऐसा नाम थे, जिनकी फिल्मों का हिट होना गारंटी माना जाता था, जिस फिल्म में वो होते थे वो बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई किया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनके करियर में ग्रहण लगना शुरू हो गया और वो इंडस्ट्री से गायब होते चले गए, जिसके पीछे की वजह का खुलासा एक मशहूर प्रोड्यूसर ने किया है.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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क्या आया करियर में डाउनफॉल?

प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी ने हाल ही में गोविंदा के करियर में आए डाउनफॉल के बारे में बात करते हुए बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि गोविंदा की सबसे बड़ी कमजोरी है कि वो गलत लोगों की बातों में जल्दी आ जाते हैं. पहलाज के मुताबिक गोविंदा को ज्योतिष, पंडित और भविष्य बताने वाले लोगों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा है. यही वजह है कि इसका बुरा असर उनके करियर पर पड़ा. उन्होंने ये भी कहा कि गोविंदा बहुत टैलेंटेड थे लेकिन गलत संगत ने उन्हें भटकने पर मजबूर कर दिया.

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लोगों करते हैं आंख मूंदकर भरोसा

पहलाज निहलानी ने कहा कि गोविंदा शुरू में अपने करियर को बहुत अच्छे से संभाल रहे थे. वे हर तरह के रोल कर लेते थे और लोग उन्हें खूब पसंद करते थे. लेकिन धीरे-धीरे वे ऐसे लोगों से घिर गए जो उनके भले के लिए नहीं थे. उनका बार-बार ज्योतिषियों और पंडितों की बातों में आना और उनपर आंख मूंदकर भरोसा करना नुकसान देने वाला साबित हुआ. पहलाज ने इसे गोविंदा की सबसे बड़ी कमजोरी बताया जो उन्हें काफी महंगी पड़ी.

लोग उठाते थे उनका गलत फायदा 

पहलाज ने कहा कि गोविंदा जिन लोगों से घिरे रहते हैं, वे उनका फायदा उठाते हैं. वे लोग खुद को उनका शुभचिंतक बताते हैं, लेकिन असल में उन्हें गलत दिशा में ले जाते हैं. पहलाज के मुताबिक, ऐसे माहौल में रहना और ऐसी बातों पर यकीन करना, फिल्म इंडस्ट्री में लंबे समय तक टिके रहने में बाधा बन जाता है. उन्होंने कहा कि इन सब बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता, जिससे गोविंदा का मजाक भी बनता है और इंडस्ट्री में उनका प्रभाव कम हो गया.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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डेविड धवन पर भी लगाया आरोप 

इसके अलावा पहलाज निहलानी ने डायरेक्टर डेविड धवन पर भी आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि गोविंदा और उनके बीच की दूरियों की वजह डेविड धवन बने. पहले दोनों में अच्छी दोस्ती थी और साथ में हिट फिल्में भी दी थीं. लेकिन एक समय ऐसा आया जब डेविड ने गोविंदा के दिमाग में उनके खिलाफ गलत बातें भर दीं. उन्होंने कहा कि डेविड को ये लगा कि मैं सिर्फ पैसे कमा रहा हूं, जबकि असल में मेरी फिल्मों से उनका नाम बना.

2000 के बाद शुरू हुआ डाउनफॉल

पहलाज ने आगे बताया कि गोविंदा की फिल्में मल्टीप्लेक्स के आने के बाद रिलीज नहीं हो पाईं. ‘पार्टनर’ फिल्म के बाद जब गोविंदा की वापसी हुई, तो उनकी बाकी फिल्मों को सपोर्ट नहीं मिला. सिनेमाघरों में उनके शो नहीं चलने दिए गए और उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज किया गया. इससे गोविंदा का कॉन्फिडेंस भी कमजोर पड़ा और उनका करियर ढलान पर आ गया. पहलाज ने इसे इंडस्ट्री की साजिश बताया. 90 के दशक में गोविंदा सबसे बड़े स्टार्स में गिने जाते थे. लेकिन 2000 के बाद उनका डाउनफॉल शुरू हो गया. 

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