Tarun Mansukhani On Housefull 5: अक्षय कुमार की थ्रिलर कॉमेडी फिल्म ‘हाउसफुल 5’ भले ही बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही हो, लेकिन कुछ दर्शकों को फिल्म का कंटेंट खास पसंद नहीं आया. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने फिल्म की आलोचना की. खासकर फिल्म में जिस तरह से फीमेल एक्ट्रेसेस को दिखाया गया है, उस पर सवाल उठे हैं. एक्ट्रेस सौंदर्या शर्मा को लेकर तो ट्रोल्स ने हद पार कर दी है. उन्हें ‘आइटम’ और ‘स्किन शो’ तक बता दिया.
वहीं फिल्म के डायलॉग्स को भी अश्लील और डबल मीनिंग वाला बताया जा रहा है. कुछ दर्शकों ने ‘हाउसफुल 5’ की तुलना ‘ग्रैंड मस्ती’ जैसी एडल्ट कॉमेडी फिल्मों से भी की. हालांकि, फिल्म के डायरेक्टर तरुण मनसुखानी पर इन सभी बातों का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला. हाल ही में एक मीडिया हाउस से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि जब कोई फिल्म हिट होती है, तभी उसके बारे में बातें होती हैं. फ्लॉप फिल्म को कोई कुछ नहीं कहता'.
डायरेक्टर ने ट्रोल्स को दिया जवाब
उन्होंने आगे कहा, 'लोगों का मेरी फिल्म पर बात करना ही इस बात का सबूत है कि फिल्म लोगों को असर कर रही है'. तरुण मनसुखानी ने कहा कि जो लोग फिल्म में महिलाओं की ‘ऑब्जेक्टिफिकेशन’ की बात कर रहे हैं, वो सिर्फ उसी नजर से फिल्म को देख रहे हैं. उन्होंने कहा, 'अगर कोई दर्शक टिकट खरीदकर फिल्म देखने आया है, तो उसे अपनी राय रखने का हक है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पूरी फिल्म सिर्फ एक ही पहलू से देखी जाए'.
फीमेल किरदारों की है खास अहमियत
उन्होंने कहा कि कोई फिल्म अगर आपके अंदर रिएक्शन पैदा करती है, तो इसका मतलब है कि वो फिल्म असरदार है. डायरेक्टर ने फिल्म में फीमेल किरदारों को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि अक्षय कुमार जिस किरदार में हैं, वो नर्गिस फाखरी के साथ मिलकर एक लापता बेटे की तलाश शुरू करता है. फिर कहानी में ट्विस्ट आता है और सोनम बाजवा अपने पति रितेश देशमुख को धोखा देती है जिससे तीसरे ‘जॉली’ की एंट्री होती है.
फीमेल किरदारों बढ़ा रहीं कहानी आगे
यहां से असली कहानी आगे बढ़ती है और फीमेल कैरेक्टर्स ही पूरी स्क्रिप्ट को घुमा देती हैं. तरुण के मुताबिक, फिल्म में सौंदर्या भी कहानी में अहम रोल निभा रही हैं. वो न सिर्फ शक के घेरे में है, बल्कि पैसे को विदेशी अकाउंट में ट्रांसफर करती नजर आती है. यानी महिलाएं सिर्फ ग्लैमर नहीं, बल्कि प्लॉट को आगे बढ़ाने में भी उतनी ही अहम हैं. तरुण ने ये साफ कहा कि किसी भी किरदार को हल्के में नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि सबकी अपनी भूमिका है.
‘बस सोच का फर्क है...’- डायरेक्टर
फिल्म में मेल किरदारों के बारे में बात करते हुए तरुण ने कहा कि ये सभी 'फ्लॉड' यानी खामी वाले कैरेक्टर हैं. उन्होंने कहा, 'ये मर्डर मिस्ट्री है, जहां कोई भी पूरी तरह अच्छा नहीं है. सब पर शक है और यही कहानी का असली मकसद है. अगर कोई शख्स इसमें सेक्सिज्म देखता है तो वो उसकी नजर का फर्क है. मैंने इस फिल्म में और भी बहुत कुछ दिखाने की कोशिश की है'. बता दें, ये फिल्म बॉक्स ऑफिर पर धमाल मचा रही है, जो 100 करोड़ का शानदार आंकड़ा पार कर चुकी है.
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