trendingNow12704917
Hindi News >>बॉलीवुड
Advertisement

जैकी भगनानी ने फिल्म निर्माण को बताया सबसे महंगा, कहा- इंडस्ट्री ने हमेशा बुरे दौर से की वापसी

Jackky Bhagnani: जैकी का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री कला और कॉमर्स के संगम पर काम करती है. फिल्म निर्माण कला के सबसे महंगे रूपों में से एक है और इसके लिए ऐसी कलात्मकता की आवश्यकता होती है जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य भी हो.

Jackky Bhagnani
Jackky Bhagnani
Kajol Gupta |Updated: Apr 03, 2025, 10:49 PM IST
Share

Jackky Bhagnani: एक्टर और निर्माता जैकी भगनानी का मानना है कि फिल्म निर्माण कला के सबसे महंगे रूपों में से एक है और इसके लिए कलात्मकता की आवश्यकता होती है. जैकी का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री कला और कॉमर्स के संगम पर काम करती है. फिल्म निर्माण कला के सबसे महंगे रूपों में से एक है और इसके लिए ऐसी कलात्मकता की आवश्यकता होती है जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य भी हो. रचनात्मकता के साथ फिल्म बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के साथ-साथ आवश्यक निवेश और प्रोजेक्ट के संभावित रिटर्न दोनों का आकलन करना जरूरी है. आज सभी निर्माताओं को एक स्थायी मॉडल बनाने की दिशा में काम करना चाहिए.

जैकी ने कहा कि मैं अपने अवलोकनों के आधार पर यह कह सकता हूं कि इंडस्ट्री ने हमेशा बुरे दौर से वापसी की है. इसमें परिस्थिति के साथ उतार-चढ़ाव हैं, जिससे टेलीविजन युग और पायरेसी संकट से उबरने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद और वर्तमान ओटीटी युग के दौरान भी हमारे पास ब्लॉकबस्टर हिट फिल्में रही हैं. फिर भी मुझे दृढ़ता से लगता है कि आज, अनिश्चितताओं से निपटने और सफलता को बनाए रखने के लिए, रचनात्मकता पर नए सिरे से ध्यान देने की आवश्यकता है. आखिरकार, यही सिनेमा का दिल है और अप्रत्याशित समय में लंबे समय तक की स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

जैकी ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि सिनेमा में आपको रचनात्मक आकांक्षा और व्यावहारिकता के बीच संतुलन बनाना होता है और आज पहले से कहीं ज्यादा हमें नए विचारों और मजबूत आर्थिक व्यावहारिकता की भी जरूरत है. वित्तीय वास्तविकताओं के साथ कलात्मक दृष्टि को संतुलित करना असफलताओं पर काबू पाने और समय के साथ विकसित होने की कुंजी है.

इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति पर विचार करते हुए जैकी ने कहा, आज, हमें निस्संदेह अपनी विषय-वस्तु को फिर से समायोजित करने की आवश्यकता है, क्योंकि दर्शक, दुनिया भर में हाई क्वालिटी वाली सिनेमा देख चुके हैं, वे औसत दर्जे को स्वीकार नहीं करते हैं. असफलता एक ऐसी सच्चाई है, जिस पर समझौता नहीं किया जा सकता और यह प्रोडक्शन हाउस तथा व्यक्तिगत करियर को भी प्रभावित करती है. फिर भी, हमारी इंडस्ट्री असफलताओं से बचती रही है और मुझे आशा है कि आगे भी ऐसा ही होता रहेगा.
इनपुट- एजेंसी 

Read More
{}{}