L2 Empuraan: एक्टर मोहनलाल ने अपनी हालिया फिल्म 'एम्पुरान' के कुछ सीन को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की आलोचना के बाद माफी मांगी है. अभिनेता ने फेसबुक पर फिल्म के कारण हुई 'भावनात्मक चोट' पर खेद व्यक्त किया और पुष्टि की कि विवादास्पद दृश्यों को हटा दिया जाएगा.
'दर्शकों का प्यार और विश्वास मेरी ताकत'
मोहनलाल ने कहा कि दर्शकों का प्यार और विश्वास ही उनकी ताकत है. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए पोस्ट में मोहनलाल ने कहा कि मैं समझता हूं कि 'लूसिफर' फ़्रेंचाइज की अगली कड़ी 'एम्पुरान' के निर्माण में पेश किए गए कुछ सामाजिक-राजनीतिक विषयों ने मेरे कुछ प्रशंसकों को मानसिक तौर पर पीड़ा दी है. एक कलाकार के रूप में यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि मेरी कोई भी फिल्म किसी भी राजनीतिक आंदोलन, विचारधारा या धार्मिक समूह के प्रति घृणा न रखे. उन्होंने कहा कि मैं और एम्पुरान की टीम हमारे प्रिय दर्शकों को हुई परेशानी के लिए खेद व्यक्त करते हैं. हम अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को स्वीकार करते हैं और हमने फिल्म से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने का फैसला किया है.
पिछले 4 दशकों में मैंने फिल्मी जीवन आप लोगों के बीच जिया
अपने नोट के अंत में मोहनलाल ने लिखा कि पिछले चार दशकों में मैंने फिल्मी जीवन आप ही लोगों के बीच जिया है. आपका प्यार और विश्वास मेरी ताकत है. मेरा मानना है कि मैं इसके बिना नहीं रह सकता. शुक्रवार को फिल्म की रिलीज के बाद संघ की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी, जिसमें साल 2002 के गुजरात दंगों का संदर्भ देने वाले दृश्यों की आलोचना की गई. केरल भाजपा के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वह फिल्म नहीं देखेंगे, उन्होंने फिल्म पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया.
केरल भाजपा ने कहा नहीं देखेंगे फिल्म
केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने घोषणा की है कि वह सुपरस्टार मोहनलाल की हाल ही में जारी मलयालम फिल्म 'एम्पुरान' नहीं देखेंगे. अभिनेता-फिल्ममेकर पृथ्वीराज सुकुमारन द्वारा निर्देशित, 'एंपुरान' 2019 की ब्लॉकबस्टर 'लूसिफेर' की बहुप्रतीक्षित अगली कड़ी है. हालांकि, फिल्म को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए भाजपा नेता चंद्रशेखर ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मैंने लूसिफेर देखी थी और इसे पसंद भी किया था. मैं एंपुरान को देखने के लिए उत्सुक था क्योंकि यह एक अगली कड़ी थी. लेकिन अब मुझे पता चला है कि निर्माताओं ने 17 कट लागू किए हैं और फिल्म फिर से सेंसरशिप से गुजर रही है.
चंद्रशेखर ने कहा कि एक फिल्म को एक फिल्म के रूप में देखा जाना चाहिए. इसे इतिहास के रूप में नहीं देखा जा सकता है. कोई भी फिल्म जो सच्चाई को विकृत करके एक कहानी बनाने की कोशिश करती है, वह बर्बाद हो जाती है. शुक्रवार को फिल्म की रिलीज के बाद विवाद पैदा हो गया, दर्शकों ने कुछ दृश्यों पर आपत्तियां जताई, जिसमें कथित तौर पर 2002 की गुजरात हिंसा का जिक्र किया गया था. (एजेंसी)
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