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आप खुद को बेच रहे हैं; पवन कल्याण के तेलुगु लोगों को हिंदी बोलने के लिए कहने को प्रकाश राज ने बताया 'शर्मनाक'

Prakash Raj slams Pawan Kalyan: एक्टरो  प्रकाश राज ने पवन कल्याण के हिंदी पर दिए बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल, पवन कल्याण ने कहा कि हिंदी का प्रभाव शिक्षा, रोजगार और व्यवसाय के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है, इसलिए इसका अंधविरोध उचित नहीं है.   

आप खुद को बेच रहे हैं; पवन कल्याण के तेलुगु लोगों को हिंदी बोलने के लिए कहने को प्रकाश राज ने बताया 'शर्मनाक'
Swati Singh|Updated: Jul 12, 2025, 09:53 AM IST
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आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और एक्टर पवन कल्याण की 'हिंदी भाषा विवाद' पर राय सुनकर प्रकाश राज खुश नहीं हैं. दरअसल, हाल ही पवन कल्याण ने दक्षिणी राज्यों के लोगों के लिए हिंदी सीखने के महत्व पर ज़ोर दिया, जिसे प्रकाश ने 'शर्मनाक' बताया है। प्रकाश ने इवेंट से पवन के एक वीडियो को रीट्वीट किया और लिखा, 'इसके लिए खुद को बेच रहे हैं? उह… कितना शर्मनाक!'

क्या बोले थे पवन कल्याण?

इस वीडियो में पवन कल्याण कहते हैं, 'हिंदी का प्रभाव शिक्षा, रोजगार और व्यवसाय के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है, इसलिए इसका अंधविरोध उचित नहीं है.' उन्होंने लोगों से भाषा को लेकर संकीर्ण सोच को छोड़कर प्रगति की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान किया. पवन कल्याण ने कहा, 'हम विदेश जाकर वहां की भाषाएं सीखते हैं, फिर हिंदी से इतना डर क्यों है. हम अंग्रेजी में सहजता से बात करते हैं, लेकिन हिंदी बोलने में हिचक क्यों है.' उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि वह तमिल होने के बावजूद हिंदी से प्रेम करते थे.

उन्होंने आगे कहा कि हमें सांस्कृतिक गर्व को भाषाई कट्टरता से नहीं जोड़ना चाहिए. मातृभाषा मां की तरह है तो हिंदी हमारी दादी की तरह है. दूसरी भाषा को अपनाने से अपनी पहचान खत्म नहीं होती, बल्कि यह हमें एक साथ आगे बढ़ने का मौका देती है.उन्होंने भाषा के राजनीतिकरण को छोड़कर अगली पीढ़ी के हित में सोचने की अपील की. उन्होंने कहा, 'हिंदी को नकारना भविष्य के अवसरों के दरवाजे बंद करने जैसा है. हिंदी को अपनाने से रोजगार और शिक्षा के नए रास्ते खुलेंगे.'

आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले को बताया अवसर

हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने हिंदी को स्कूलों में वैकल्पिक विषय के रूप में बढ़ावा देने की योजना की घोषणा की है. पवन कल्याण ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हिंदी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रही है, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो.

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